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बांग्लादेशी कैदियों से कोरोना फैलने का खतरा, कहीं संक्रमित न हो जाए भारतीय कैदी

locationकोलकाताPublished: Apr 05, 2020 12:12:57 am

Submitted by:

Krishna Das Parth

कहीं संक्रमित न हो जाए भारतीय कैदी
-पश्चिम बंगाल सरकार बना रही है विदेशी कैदियों के लिए जेल में पृथक सेल

बांग्लादेशी कैदियों से कोरोना फैलने का खतरा, कहीं संक्रमित न हो जाए भारतीय कैदी

बांग्लादेशी कैदियों से कोरोना फैलने का खतरा, कहीं संक्रमित न हो जाए भारतीय कैदी

कोलकाता. बांग्लादेशी कैदियों से पश्चिम बंगाल सरकार की नींद उड़ गई है। प्रदेश के प्रशासन को यह चिंता सताने लगी है कि विदेशी कैदियों से कहीं संशोधनागार में कोरोना संक्रमण न फैल जाए। कोरोना के भय से वैसे पहले से ही भारतीय कैदी काफी डरे और सहमे हुए है। वे पेरोल पर रिहाई करने की मांग में कई जेलों में हंगामा भी कर चुके हैं। इस स्थिति में राज्य प्रशासन ने विदेशी कैदियों के लिए पृथक सेल बनाने का निर्णय किया है। राज्य के कई संशोधनागारों में भारी संख्या में बांग्लादेशी कैदी हैं। इनको विभिन्न मामलों में गिफ्तार कर रखा गया है। हाल ही में कई बांग्लादेशी घुसपैठिए, जो इस समय राज्य के जेलो में सजा काट रहे हैं। इनमें से ज्यादातर जाली पासपोर्ट, जाली नोटों की तस्करी, वीजा समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने के मामले में अभियुक्त है। ये लोग जेल में सजा काट रहे हैं। इन कैदियो ने जेल प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि इनमें कौन वायरस से संक्रमित हंै इसका अनुमान लगाना जेल प्रशासन के लिए मुश्किल है। सूत्रों के मुताबिक काफी संख्या में इस समय बांग्लादेशी नागरिक भारतीय जेलों में है। लिहाजा जेल में बांग्लादेशी नागरिक सहित अन्य विदेशी नागरिकों की सूची तैयार कर उन्हें विशेष सेल में रखा जाएगा। कुछ दिन पर्यवेक्षकों की निगरानी में रखने के बाद अगर उनका स्वास्थ्य समान्य रहा तो उन्हें पुराने सेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
कोरोना वायरस से संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए राज्य के प्रत्येक जेल में पृथक सेल तैयार किया जाएगा । वहां पर विदेशी कैदियों को रखा जाएगा। जेल में संक्रमण बढऩे के खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। जेल प्रशासन के हवाले से बताया गया है कि हाल में गिरफ्तार हुए विदेशी नागरिकों को अलग सेल में रखने की व्यवस्था की जा रही है। उनके लिए अलग वार्ड बनाया जा रहा है। जेल प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक महकमा संशोधनागार की तुलना में केंद्रीय संशोधनागार में कैदियों की संख्या ज्यादा है। इस भय से वहां पर विशेष सेल बनाई जा रही है। अधिकारी के मुताबिक बुखार, गला में दर्द व संक्रमित खांसी के लक्षण देखते ही उक्त कैदी को विशेष सेल में चिकित्सकों की देखरेख में रखा जाएगा। स्वस्थ होने पर उसे पुराने सेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। एक जेल अधिकारी के मुताबिक कोरोना से परिस्थिति बिगडऩे की आशंका को देखते हुए जेल प्रशासन के लिए अलग सेल बनाने के सिवा अन्य दूसरा कोई विकल्प नहीं था। इसलिए जेल अस्पताल को उपकरणों से दुरुस्त किया गया है और चिकित्सकों के साथ मेडिकल टीम की संख्या बढ़ाई गई है। जेल अधिकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा चिंता का विषय विदेशी कैदी हैं।

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