यूं चला पता शुक्रवार रात ग्यारह बजे तक राजदीप जब बैरकपुर अपने घर नहीं पहुंचा, तो उसकी पत्नी मौमिता नायक ने मोबाइल पर फोन किया। घंटी बजती रही, लेकिन फोन रिसिव नहीं किया। कई बार उसने फोन किया, लेकिन फोन रिसिव नहीं हुआ। फिर बैंक के लैण्डलाइन नम्बर पर फोन किया। वह भी बजता रहा। अंतत: मौमिता ने टीटागढ़ थाने में फोन किया और बैंक चली आई। सुरक्षा प्रहरी गेट के बाहर खड़ा था। मौमिता ने उससे अपने पति के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि राजदीप अपने ऑफिस में हैं। ताला खोल कर अंदर घुसी तो देखा राजदीप फंदे से लटक रहा है। फिर पुलिस पहुंची। पुलिस ने उसे फंदे से उतार कर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
—- पत्नी ने मैनेजर को जिम्मदार ठहराया मौमिता ने पति की मौत के लिए बैंक के सीनियर मैनेजेर को जिम्मेदार ठहराया है। मौमिता का आरोप है कि मैनेजर राजदीप पर काम का भारी बोझ लाद देते थे। हर दिन राजदीप को रात साढ़े नौ-दस बजे तक काम करना पड़ता था। लोन की रकम वसूली को लेकर सीनियर मैनेजर तरह-तरह से सार्वजनिक ढंग से उसे अपमानित करते थे। काम के बोझ और अपमान से मायूस होकर राजदीप ने आत्महत्या की है।
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पुलिस ने शुरू की पूछताछ राजदीप की मौत का कारण जानने के लिए टीटागढ़ थाने की पुलिस बैंक के सीनियर मैनेजर एवं अन्य कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार सीनियर मैनेजर ने मौमिता के आरोप को झूठा बताया है। इस संबंध में विस्तृत जांच जारी है।