उल्लास, उत्साह के धीमे पड़ते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज कोलकाता. होली और दोलयात्रा के उल्लास और उत्साह के धीमे पड़ते ही महानगर कोलकाता में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है। शिक्षक नियुक्ति में घोटाला, राज्य में शिशुओं की एडिनो वायरस संक्रमण से हो रही मृत्यु समेत अन्य मुद्दों पर विपक्ष सड़कों पर उतर चुका है। भाजपा ने शुक्रवार को जहां राज्य की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को निशाने पर लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय जाने की कोशिश की वहीं माकपा के छात्र संगठन एसएफआइ के समर्थक विधानसभा घेराव करने पहुंच गए। दोनों ही जगहों पर पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।--रोड में बवाल, नेता-समर्थक गिरफ्तारकोलकाता. बच्चों में बढ़ रहे एडिनो वायरस संक्रमण और उसे रोक पाने में स्वास्थ्य विभाग के विफल होने का आरोप लगाकर भाजपा युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के समर्थक सड़कों पर उतरे। जुलूस की शक्ल में निकले समर्थक शिशुओं के इलाज के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे दावों पर सवाल उठाए। असल स्थिति छिपाने का आरोप लगाया। साल्टलेक स्थित स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया। करुणामयी से रैली निकालकर स्वास्थ्य भवन की ओर बढ़ते भाजपा समर्थकों को पुलिस ने बीच रास्ते में धारा 144 लागू होने का हवाला देकर आगे बढऩे से रोका। दोनों पक्षों के बीच झड़प भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने भाजपा समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।--ज्ञापन तक नहीं देने दिया गयारैली का नेतृत्व कर रहे युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खां व विधायक अग्निमित्रा पाल ने बताया कि पुलिस ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बीच रास्ते में ही रोकने का आदेश जारी कर दिया। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य विभाग के मंत्री को ज्ञापन देने भी नहीं दिया गया। पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए भाजपा नेता सड़क पर ही बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक इलाके में तनाव बना रहा। पुलिस ने भाजपा के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। भाजपा का दावा है कि पुलिस कार्रवाई में पार्टी के 10 से ज्यादा नेता- कार्यकर्ता घायल हुए हैं।
उल्लास, उत्साह के धीमे पड़ते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज कोलकाता. होली और दोलयात्रा के उल्लास और उत्साह के धीमे पड़ते ही महानगर कोलकाता में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है। शिक्षक नियुक्ति में घोटाला, राज्य में शिशुओं की एडिनो वायरस संक्रमण से हो रही मृत्यु समेत अन्य मुद्दों पर विपक्ष सड़कों पर उतर चुका है। भाजपा ने शुक्रवार को जहां राज्य की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को निशाने पर लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय जाने की कोशिश की वहीं माकपा के छात्र संगठन एसएफआइ के समर्थक विधानसभा घेराव करने पहुंच गए। दोनों ही जगहों पर पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।--रोड में बवाल, नेता-समर्थक गिरफ्तारकोलकाता. बच्चों में बढ़ रहे एडिनो वायरस संक्रमण और उसे रोक पाने में स्वास्थ्य विभाग के विफल होने का आरोप लगाकर भाजपा युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के समर्थक सड़कों पर उतरे। जुलूस की शक्ल में निकले समर्थक शिशुओं के इलाज के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे दावों पर सवाल उठाए। असल स्थिति छिपाने का आरोप लगाया। साल्टलेक स्थित स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया। करुणामयी से रैली निकालकर स्वास्थ्य भवन की ओर बढ़ते भाजपा समर्थकों को पुलिस ने बीच रास्ते में धारा 144 लागू होने का हवाला देकर आगे बढऩे से रोका। दोनों पक्षों के बीच झड़प भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने भाजपा समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।--ज्ञापन तक नहीं देने दिया गयारैली का नेतृत्व कर रहे युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खां व विधायक अग्निमित्रा पाल ने बताया कि पुलिस ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बीच रास्ते में ही रोकने का आदेश जारी कर दिया। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य विभाग के मंत्री को ज्ञापन देने भी नहीं दिया गया। पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए भाजपा नेता सड़क पर ही बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक इलाके में तनाव बना रहा। पुलिस ने भाजपा के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। भाजपा का दावा है कि पुलिस कार्रवाई में पार्टी के 10 से ज्यादा नेता- कार्यकर्ता घायल हुए हैं।