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बंगाल: इस रणनीति से कमल खिलाएगी भाजपा

locationकोलकाताPublished: Jan 23, 2020 06:33:34 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

लोकसभा चुनावों के बाद विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों में अनुकूल नतीजे नहीं आने से भाजपा नेतृत्व अभी से पश्चिम बंगाल को लेकर सजग हो गया है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। पार्टी इसे सबसे अहम चुनाव मान रही है।

बंगाल: इस रणनीति से कमल खिलाएगी भाजपा

बंगाल: इस रणनीति से कमल खिलाएगी भाजपा

कोलकाता. लोकसभा चुनावों के बाद विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों में अनुकूल नतीजे नहीं आने से भाजपा नेतृत्व अभी से पश्चिम बंगाल को लेकर सजग हो गया है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। पार्टी इसे सबसे अहम चुनाव मान रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने राज्य में बड़ी सफलता हासिल कर साफ कर दिया था कि 2021 के विधानसभा चुनावों में वो सत्ता की दावेदार बनकर चुनाव लड़ेगी। शीर्ष नेतृत्व ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। नेतृत्व ने व्यापक रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। दिलीप घोष को फिर से राज्य की कमान सौंप दी है। विवादित बयानों को छोडक़र घोष ने पार्टी को आगे बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया है। संसद के बजट सत्र के बाद पार्टी बंग भूमि पर कमल खिलाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के लगातार दौरे की कार्ययोजना पर काम शुरू करेगी। पार्टी नेता सीएए और एनआरसी को लेकर राज्य में लोगों को जागरूक कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के प्रयास करेंगे।

चिंतित है भाजपा
केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन कानून लाने और विरोधी दलों द्वारा इसमें एनआरसी को भी जोड़ देने से भाजपा की दिक्कतें बढ़ी हैं। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस यह प्रचार जमकर कर रही है कि एनआरसी की पूर्व तैयारी के लिए ही सीएए लाया गया है। एनआरसी भी जल्द आएगा और उससे केवल मुसलमानों को ही नहीं, बल्कि हिंदुओं को भी कई तरह की दिक्कतें आएंगी। इसको लेकर लोगों के मन में कोई धारणा न बन जाए, भाजपा इससे खासी चिंतित है। हाल में राज्य में हुए उपचुनावों में भाजपा ने इसे महसूस भी किया था।

बंगाल को लेकर विशेष रणनीति
भाजपा ने अगले एक साल के लिए पश्चिम बंगाल को लेकर विशेष रणनीति बनाई है। इसके तहत पार्टी के बड़े नेता राज्य के कोने-कोने में जाकर सीएए व एनआरसी पर लोगों का भ्रम दूर करेंगे। साथ ही राज्य के विकास का मुद्दा भी उठाएंगे। चुनाव तक हर महीने कम से कम आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री और बड़े नेता राज्य के दौरे पर रहेंगे। भाजपा का मानना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस तरह से उसके खिलाफ प्रचार कर रही है, चुनावों के करीब आते ऐसी कोशिशें और तेज होंगी। ऐसे में भाजपा को अपने विरोधियों को आक्रामता के साथ जवाब देना होगा।

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