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‘बंगाल में औषधीय पौधों की विस्तृत श्रृंखला’

locationकोलकाताPublished: Dec 04, 2018 10:49:05 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

बंगाल चैंबर का 2 दिवसीय ग्रामीण कनेक्ट कॉन्क्लेव-2018 का समापन

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‘बंगाल में औषधीय पौधों की विस्तृत श्रृंखला’

कोलकाता. विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में बंगाल चैंबर की ओर से आयोजित 2 दिवसीय ग्रामीण कनेक्ट कॉन्क्लेव-2018 का समापन मंगलवार को हुआ। विश्व भारती के वीसी और पूर्व डीडीजी (आईसीएआर) प्रोफेसर डॉ. स्वप्न कुमार दत्ता सहित बंगाल के मंत्री-प्रभारी, तकनीकी शिक्षा विभाग, प्रशिक्षण और कौशल विकास, पूर्णेंदु बोस आदि के आतिथ्य में कॉन्क्लेव का समापन हुआ। मौके पर टिकाऊ वैकल्पिक कृषि खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि-कौशल पर जागरूकता, पश्चिम बंगाल में औषधीय संयंत्र बाजार के अवसर तलाशने और 2050 तक भारत से औषधीय पौधों का बाजार मूल्य 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर तक पहुंचाने सहित कई मसलों पर मंथन हुआ। दत्ता ने कहा कि बंगाल में औषधीय पौधों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो 21वीं शताब्दी में मानवीय स्वास्थ्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अधिकांश औषधीय पौधे जंगलों में उगते हैं और प्रत्येक में एक विशिष्ट बायोएक्टिव यौगिक होता है। नियंत्रित ग्रीन हाउस या ग्लास हाउस में इन्हें बढ़ाने के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने की आवश्यकता है ताकि बड़े पैमाने पर उत्पादन प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत औषधीय पौधों का एक समृद्ध स्रोत है, फिर भी हम पौधे आधारित दवा उत्पादन में पीछे हैं। प. बंगाल स्टेट मेडिसीन प्लांट बोर्ड के डायरेक्टर डॉ. प्रशांत कुमार सरकार, आयुर्वेदिक ड्रग मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीपी सरकार और कृषि-ग्रामीण विकास कमेटी बंगाल चैम्बर के चेयरपर्सन सत्व्रत मुखर्जी आदि बतौर अतिथि मौजूद थे। सरकार ने कहा कि वह बंगाल चैंबर, नाबार्ड के संयुक्त प्रयास के लिए आभारी हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में नियोक्ताओं की अधिक संख्या है, लेकिन दुख की बात यह है कि कई देशों में बेरोजगारों की तादाद ज्यादा है। इनमें से अधिकतर बेरोजगार गांवों में रहते हैं। 18-35 के बीच की उम्र में, हर 4 व्यक्तियों में केवल एक ही खेती में नियोजित होता है जबकि अन्य तीन गैर-कृषि क्षेत्रों में। हर कोई सरकारी नौकरियों के लिए इच्छुक है, पर उस क्षेत्र में पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं। प्रोफेसर असिस मजूमदार, नोडल अधिकारी-पूर्वी क्षेत्र, क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र (आरसीएफसी-ईआर) राष्ट्रीय औषधीय संयंत्र बोर्ड ने कहा कि बंगाल राज्य औषधीय संयंत्र बोर्ड सरकार अनुकरणीय काम कर रही है। आरसीएफसी का मुख्य कार्य एनएमपीबी (राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड) की बहुआयामी सुविधा के रूप में कार्य कर गुणवत्ता विकसित करना है।
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