कोलकाता.
कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए राज्यों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करने की घोषणा की है लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा पश्चिम बंगाल में एकला चलो रे की राह पर चलना चाहते हैं।
ुसोमेन मित्रा ने सोमवार को कहा कि बंगाल में वे तृणमूल कांग्रेस और माकपा, दोनों में से किसी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में नहीं है। जिस पार्टी ने गठबंधन कर राज्य में कांग्रेस को तार-तार कर दिया। उसके साथ गठबंधन कैसे किया जा सकता है। हम नहीं चाहते हैं कि फिर से हमारा घर टूटे। इसलिए हम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव अकेले लडऩा चाहते हैं। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रदेश कांग्रेस के इस विचार से अवगत करा दिया गया है। अंतिम फैसला पार्टी हाई कमान लेगा और हम उसका पालन करेंगे।
लेकिन एक बार तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन कर के हम उसका हश्र देख चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस ने हमारे जनप्रतिनिधयों को तोड़ कर कांग्रेस को कमजोर कर दिया है। ऐसे में कर्नाटक की तर्ज पर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस या माकपा से गठबंधन करना कांग्रेस के दीर्घकालीन हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में दिल्ली में मुलाकात के दौरान हमने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को बंगाल में पार्टी की मौजूद स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। उनसे साफ-साफ कहा कि बंगाल में अगला लोकसभा चुनाव हम अकेले लड़ते हैं तो हमारे लिए अच्छा होगा। भले हम एक भी सीट नहीं जीत पाएं, लेकिन भविष्य में कांग्रेस का बंगाल में वजूद बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लडऩे से निसंदेह कांग्रेस अधिक सीट जीतेगी। लेकिन इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित है कि तृणमूल कांग्रेस की तोड़-जोड़ की राजनीति के कारण राज्य में कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि माकपा नीत वाम मोर्चा से गठबंधन करने से बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट का लाभ नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कोलकाता में कहा था कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस कर्नाटक की तरह प्रत्येक राज्य में वहां की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन करेगी।