एनआरएस अस्पताल में शव लेने को लेकर भाजपा नेताओं की अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के साथ जोरदार बहस हुई। भाजपा नेता पार्टी समर्थक के शव को अस्पताल से पार्टी कार्यालय ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। परिजन शव लेने के लिए कोलकाता में ठहर गए थे। देर रात पुलिस ने बिना उन्हें बताए शव को बोलपुर अस्पताल पहुंचा दिया था।
हालांकि नानूर थाने की पुलिस ने शव देने में आनाकानी के आरोप को झूठा बताया है। थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस गराई के घर जाकर उसके परिजनों से शव लेने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उनके घर पर नोटिस चस्पा किया गया। इसके बावजूद उन्होंने शव नहीं लिया।
मामले में कार्रवाई भी की है। अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि गराई के परिजन शव को लेकर इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहे हैं।