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श्मशान जाने को तरसती लाश, मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा…

locationकोलकाताPublished: Sep 11, 2019 12:44:47 am

राजनीतिक हिंसा से जीवित लोगों के परेशान होने की बात आम है, लेकिन अगर कोई लाश परेशान रहे तो इस शर्मनाक ही कहा जाएगा।

बंगालः अंतयेष्टि को तरसती लाश, मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा राजनीतिक विवाद

बंगालः अंतयेष्टि को तरसती लाश, मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा राजनीतिक विवाद

कोलकाता

राजनीतिक हिंसा से जीवित लोगों के परेशान होने की बात आम है, लेकिन अगर कोई लाश परेशान रहे तो इस शर्मनाक ही कहा जाएगा। राजनीतिक हिंसा की आग में जल रहे पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ऐसी ही एक घटना सामने आई है। राजनीतिक हिंसा की बलि चढ़े भाजपा के एक समथर्क का शव पिछले 48 घंटे से अंत्येिष्टि को तरस रहा है। बीरभूम जिला निवासी भाजपा समर्थक स्वरूप गराई का शव का मंगलवार को भी मॉर्ग में पड़ा रहा। मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा राजनीतिक विवाद उसका पीछा नहीं छोड़ रहा है। कोलकाता के एनआरएस अस्पताल की तरह मंगलवार को बोलपुर अस्पताल में भी शव को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। पुलिस पर शव को परिजनों को सौंपने में आनाकानी करने का आरोप लगाते हुए भाजपा समर्थकों ने बोलपुर अस्पताल से सामने सडक़ अवरोध कर जोरदार हंगामा किया। भाजपा नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने कोलकाता में गराई के शव को उसके परिजनों को नहीं सौंपा। फिर परिजनों को बिना बताए कोलकाता के एनआरएस अस्पताल से शव को चोरी-छुपे बोलपुर अस्पताल पहुंचा दिया। बोलपुर अस्पताल से भी शव देने में आनाकानी की जा रही है। भाजपा नेताओं पुलिस के इस रवैये के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। संभवत: बुधवार को इस संबंध में हाईकोर्ट में मामला दर्ज कराया जाएगा। कोलकाता के इंटाली थाने में एनआरएस अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया गया है।
तीन दिन पहले बीरभूम के नानूर थाना क्षेत्र के रामकृष्णपुर इलाका निवासी स्वरूप गराई कथित तृणमूल समर्थकों की ओर से की गई फायरिंग और बमबाजी में घायल हुआ था। उसे सीने में गोली लगी थी। इलाज के लिए उसे कोलकाता में भर्ती कराया गया था। सोमवार तडक़े उसकी मौत हो गई थी।
एनआरएस अस्पताल में शव लेने को लेकर भाजपा नेताओं की अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के साथ जोरदार बहस हुई। भाजपा नेता पार्टी समर्थक के शव को अस्पताल से पार्टी कार्यालय ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। परिजन शव लेने के लिए कोलकाता में ठहर गए थे। देर रात पुलिस ने बिना उन्हें बताए शव को बोलपुर अस्पताल पहुंचा दिया था।
हालांकि नानूर थाने की पुलिस ने शव देने में आनाकानी के आरोप को झूठा बताया है। थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस गराई के घर जाकर उसके परिजनों से शव लेने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उनके घर पर नोटिस चस्पा किया गया। इसके बावजूद उन्होंने शव नहीं लिया।
मामले में कार्रवाई भी की है। अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि गराई के परिजन शव को लेकर इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहे हैं।
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