scriptHighest child marriage Bengal: जन जागणन के 170 साल बाद भी बंगाल में सबसे अधिक बाल विवाह | Bengal has highest number of child marriages even after Renaissance | Patrika News
कोलकाता

Highest child marriage Bengal: जन जागणन के 170 साल बाद भी बंगाल में सबसे अधिक बाल विवाह

प्रत्येक पांच में से एक लडक़ी की हो रही है 15 से 16 साल की उम्र में शादी
सामाजिक और कानूनी हस्तक्षेप बेअसर

कोलकाताAug 04, 2019 / 09:04 pm

Manoj Singh

kolkata West Bengal

Highest child marriage Bengal: जन जागणन के 170 साल बाद भी बंगाल में सबसे अधिक बाल विवाह

Despite the renaissance of social reformers like Ishwar Chandra Vidyasagar and Raja Ram Mohan Roy for the first time in the 19th century, these days, most of the child marriages are still taking place in West Bengal .
कोलकाता, मनोज कुमार सिंह
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के श्यामनगर के फेरीवाला श्यामल विश्वास की 16 साल की बेटी झुम्पा विश्वास ने दशवीं में फेल होने के बाद अपने मां-बाप की मर्जी से अपने पहचान के लडक़े से शादी कर ससुराल चली गई।
शैक्षिक आधार पर राज्य के सबसे पिछड़ा जिला मालदह के कालियाचक की 15 साल की नाजिया खातुन के मां-बाप ने परम्परागत तरीके से अपनी बेटी शादी कर दी।
नदिया जिले के चकदह की 15 साल की अर्पिता सरकार, मुर्शिदाबाद की अनिमा बीबी और उत्तर 24 परगना जिले संदेशखाली की अमिना खातुन की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर दी गई।
कम उम्र की लड़कियों के बाल अधिकार हनन और उनके शारीर पर नाकारात्मक प्रभाव डालने वाले वैदिक युग से चले आ रहे बाल विवाह पर कानूनी और सामाजिक हस्तक्षेप के बावजूद इन दिनों भी यह भारत का सामाजिक सच्चाई बनी हुई है। ईश्वर चंद्र विद्यासागर और राजा राम मोहन राय जैसे समाज सुधारकों के पश्चिम बंगाल तो बाल विवाह के मामले में सबसे आगे है। उक्त दोनों समाज सुधारकों ने बार 19 सदी में विदेशी आक्रमण और शक्तिशाली पितृसत्तात्मक सामाजिक संरचना के कारण बाल विवाह जैसी गंभीर समस्या को समाप्त करने के लिए बंगाल में पहली बार पुनर्जागरण किया था।
लेकिन जनजागरण के करीब 170 साल बाद भी उसी बंगाल में अब भी प्रत्येक पांच लड़कियों में से एक की शादी 18 साल से उम्र में हो रही है, जबकि कानूनी तौर से 18 साल की उम्र से कम में शादी अपराध। दस साल पहले किए गए राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की रिपोर्ट में भारत में बाल विवाह की पूरी कहानी बदल गई है। उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कुछ राज्यों ने असाधारण विकास दिखाया, लेकिन 11 राज्यों में अभी भी बाल विवाह की संख्या वर्तमान राष्ट्रीय औसत 11.9त्न से अधिक है।
वर्ष 2015-16 में किए गए नवीनतम एनएफएचएस- 4 रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल उन राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है जहां 15-19 वर्ष की आयु के बीच की शादी करने वाली लड़कियों की संख्या सबसे अधिक 25.6त्न है। मालदह, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मिदनापुर और उत्तर बंगाल के आर्थिक और सामाजिक तौर से पिछड़े और आदिवासी बहुल इलाकों में भी चुपके-चुपके बाल विवाह हो रहा है। लेकिन बंगाल में सबसे अधिक कम उम्र की लड़कियों की शादी शैक्षिक दृष्टिी से पिछड़े मुस्लिम बहुल जिला मालदह में हो रही है।
मालदह जिले में बाल विवाह के बारे में सर्वे करने वाले बर्दवान विश्वविद्यालय के समाजशाी विश्वजीत घोष बताते है कि मुर्शिदाबाद के बाद बंगाल में सबसे अधिक बाल विवाह मालदह में होता है। इस जिले की करीब 93 प्रतिशत आवादी गांवों में रहती हैं। पूरे जिले में रोजगार के अवसर नहीं के बराबर है। अधिकतर लोग खेतिहर मजदूर, बीड़ी श्रमिक है। सामाजिक और शैक्षिक तौर से ये काफी पिछड़े हुए हैं और इनमें ही बाल विवाह होता है।
नोवेल शान्ति पुरस्कार से नवाजी गई पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई संदेशखाली की अनवारा खातुन को अपनी नायिका मानती हैं। वह उत्तर 24 परगना जिले के मुस्लिम बहुल बसीरहाट, संदेशखाली और इसके आस-पास के इलाके की कम उम्र की लड़कियों को बाल विवाह और तश्करों से बचाने के लिए अभियान चलाती है। अनवारा कहती है कि उनके इलाके में बाल विवाह पहले से कम हुआ है। फिर आर्थिक और शैक्षिक आधार पर पिछड़े समाज में अभी भी बाल विवाह हो रहा है। इस पर कानूनी और सामाजिक अंकुश नहीं लग पा रहा है।
बंगाल में बाल विवाह अब भी चिन्ताजनक
पहले से अभी देश के अन्य राज्यों के साथ बंगाल में भी बाल विवाह की घटनाएं कम हुई है। फिर भी यह सबसे अधिक बाल विवाह होने वाला राज्य बना हुआ है। वर्ष 2005-2006 में पिछला राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 किया गया था, जिसमें 47.8त्न बाल विवाह के मामलों के साथ बिहार शीर्ष पर था।
वर्ष 2015-2016 में किए गए एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट में बिहार में बाल विवाह घट कर अब 19.7त्न हो गया है। पिछली एनएफएचएस रिपोर्ट में झारखंड में 44.7 प्रतिशत बाल विवाह हुआ था, जो घट कर 17.8त्न बाल विवाह के मामलों में खड़ा है, जो फिर से राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। यहां तक बाल विवाह का पर्यायवाची के रुप में प्रसिद्ध राजस्थान में बाल विवाह 40.4त्न से घट कर इस बार की सर्वे रिपोर्ट में 16.2 प्रतिशत हो गया है।
लेकिन बंगाल में बाल विवाह की घटनाओं में बहुत ही मामूली कमी आई है। वर्ष 2005-2006 की एनएफएचएस-3 की रिपोर्ट में बंगाल में 34त्न बाल विवाह हुआ था। नई रिपोर्ट में यह आकड़ा 25.6 त्न है। समाजशाी विश्वजीत घोष कहते है कि बाल विवाह सामाजिक बुराई है। इसके खिलाफ जनजागण होने और 34 साल तक कम्युनिस्ट शासन रहने के बावजूद देश में सबसे अधिक बंगाल में बाल विवाह होना सामाजिक तौर से सब से बड़ा चिन्ता का विषय है।
कोलकाता

Home / Kolkata / Highest child marriage Bengal: जन जागणन के 170 साल बाद भी बंगाल में सबसे अधिक बाल विवाह

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो