तुष्टिकरण की राजनीति से बंगाल का भविष्य संकट में: राज्यपाल
कोलकाताPublished: Jul 07, 2022 12:14:39 am
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक माहौल को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति ने बंगाल के भविष्य को संकट में डाल दिया है।
तुष्टिकरण की राजनीति से बंगाल का भविष्य संकट में: राज्यपाल
मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गए हम
धनखड़ की टिप्पणी पर तृणमूल ने सवाल उठाए
कोलकाता. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक माहौल को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति ने बंगाल के भविष्य को संकट में डाल दिया है। जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि बंगाल ऐसा स्थान नहीं बनना चाहिए जहां लोकतंत्र अपनी अंतिम सांस लेता हो।
उन्होंने दावा किया कि हम मानवाधिकारों के उल्लंघन की प्रयोगशाला बन गए हैं। धनखड़ की टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
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बुद्धिजीवियों से चुप्पी तोडऩे का आग्रह
राज्यपाल ने कहा कि श्यामप्रसाद मुखर्जी ने बंटवारे की साजिश का विरोध किया। आज फिर से बंगाल की किस्मत पर संकट के काले बादल मंडरा रहे हैं। तुष्टिकरण की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। राज्य में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने बंगाली बुद्धिजीवियों से राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों के पतन के बारे में अपनी चुप्पी तोडऩे का आग्रह किया।
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समानता की अनुमति देता संविधान
धनखड़ ने कहा कि वे राज्य में लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे। वे अपनी संवैधानिक शपथ को विफल नहीं होने दे सकते। उन्होंने कहा कि संविधान सभी के लिए एक निष्पक्ष दृष्टिकोण और समानता की अनुमति देता है। केन्द्र सरकार सबको न्याय देने की नीति का पालन कर रही है।
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राजनीतिक व्यक्तित्व की तरह बयान: स्पीकर
राज्यपाल के बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी ही है। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने उनके बयान को राजनीतिक बताया है। बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल की भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्यपाल को राज्यपाल की तरह कार्य करना होता है। वे एक राजनीतिक शख्सियत की तरह काम कर रहे हैं। बंगाल में पहले भी कई राज्यपाल आ चुके हैं। किसी ने ऐसे बयान नहीं दिए।
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राज्यपाल को हटाने की मांग की
तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने फिर से राज्यपाल को हटाने की मांग की है। उनके मुताबिक राज्यपाल भाजपा नेता की भूमिका में आ गए हैं। पार्टी प्रधानमंत्री से इस तरह के अलोकतांत्रिक राज्यपाल को हटाने की अपील करेगी।
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बुद्धिजीवियों ने किया पलटवार
राज्यपाल की ओर से बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर उठाए गए सवाल के बाद राज्य के बुद्धिजीवियों से भी प्रतिक्रिया मिली है। फिल्म निर्देशक कमलेश्वर मुखर्जी का कहना है कि जब लोकतंत्र की बात आती है तो सिर्फ राज्य की बात करना ही काफी नहीं होता। केंद्र के बारे में भी बात करनी चाहिए। दरअसल पूरे भारत में लोकतांत्रिक वातावरण खतरे में है।
अभिनेता कौशिक सेन ने कहा कि बंगाल के साथ ही भाजपा शासित राज्यों में हो रहे अलोकतांत्रिक कार्यों पर भी बात करनी चाहिए। वे मानते हैं कि किसी का जिक्रकरना और किसी को जिक्र से बाहर करना ठीक नहीं है।