उसके अभिभावक ने बताया कि अभाव में जीवन यापन करना पड़ रहा है। वे सिलाई करके बच्चों का पेट भरते हैं। ऐसे में बापी खुद अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल रहा है। वह घर पर मछली पकडऩे वाला जाल तैयार करता है। वह रोजाना 60-70 रुपए कमा लेता है उसी से वह पढ़ाई का खर्च निकालता है। उसके पास दिव्यांग कार्ड जरूर है पर सरकार की ओर से उसे कोई भत्ता नहीं मिलता है। यदि भत्ता मिलना शुरू हो जाए तो बापी को पढऩे में सुविधा होगी।