युवती के परिजनों से अंगदान की अनुमति मिलने के बाद उसके लीवर आर.एन.टैगोर अस्पताल में भर्ती एक महिला में प्रत्यारोपित किया गया। वह लंबे समय से लीवर सिरोसिस की बीमारी की चपेट में थी। युवती की एक किडनी उक्त अस्पताल में ही एक अन्य मरीज में प्रत्यारोपित की गई। दूसरी किडनी को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एसएसकेएम अस्पताल में लाया गया, वहां एक मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित की गई।
युवती के परिजन इस नेक काम को करने के बाद काफी प्रसन्न हैं। उनका कहना है कि बेटी तो दुनिया से चली गई। इसका अफसोस उन्हें जीवन भर रहेगा, लेकिन उन्हें संतोष इस बात का है कि उसके शरीर के कुछ अंग अब भी जिन्दा हैं। उसके अंगों से जिन तीन लोगों को नवजीवन मिला है, उन्हें देखकर उन्हें लगेगा कि वह जिंदा है।
युवती के परिजन इस नेक काम को करने के बाद काफी प्रसन्न हैं। उनका कहना है कि बेटी तो दुनिया से चली गई। इसका अफसोस उन्हें जीवन भर रहेगा, लेकिन उन्हें संतोष इस बात का है कि उसके शरीर के कुछ अंग अब भी जिन्दा हैं। उसके अंगों से जिन तीन लोगों को नवजीवन मिला है, उन्हें देखकर उन्हें लगेगा कि वह जिंदा है।
आर.एन.टैगोर अस्पताल सूत्रों के अनुसार जिन लोगों में युवती के अंगों का प्रत्यारोपण किया गया है, वे स्वस्थ हैं। फिलहाल उन्हें डॉक्टरों की निगरानी मे रखा गया है।
——— इस साल अबतक 20 अंग प्रत्यारोपण
पश्चिम बंगाल में अंगदान को लेकर इन दिनों जागरूकता बढ़ी है। इस वर्ष अब तक लगभग 20 लोगों में सफल अंग प्रत्यारोपण किया जा चुका है। राज्य सरकार इसको लेकर प्रसन्न है। सरकारी एवं निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी तत्पर हैं।
——— इस साल अबतक 20 अंग प्रत्यारोपण
पश्चिम बंगाल में अंगदान को लेकर इन दिनों जागरूकता बढ़ी है। इस वर्ष अब तक लगभग 20 लोगों में सफल अंग प्रत्यारोपण किया जा चुका है। राज्य सरकार इसको लेकर प्रसन्न है। सरकारी एवं निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी तत्पर हैं।
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सुविधा विकसित करने में जुटी सरकार पश्चिम बंगाल सरकार अंगदान को प्रोत्साहित करने तथा अंग प्रत्यारोपण की सुविधा विकसित करने में जुटी हुई है। बंगाल सरकार अंग दान के प्रति जागरूकता के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहती है। दूसरी तरफ अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेजों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।
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सुविधा विकसित करने में जुटी सरकार पश्चिम बंगाल सरकार अंगदान को प्रोत्साहित करने तथा अंग प्रत्यारोपण की सुविधा विकसित करने में जुटी हुई है। बंगाल सरकार अंग दान के प्रति जागरूकता के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहती है। दूसरी तरफ अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेजों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।
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इन सरकारी अस्पतालों में है सुविधा
फिलहाल कोलकाता के तीन सरकारी अस्पतालों में लीवर ट्रांसप्लांट, चार में किडनी ट्रांसप्लांट और दो में हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा है। सरकारी असप्तालों में मुफ्त में अंग प्रत्यारोपण किया जाता है। यहां तक कि रोगियों के स्वस्थ होने तक उनकी चिकित्सा भोजन और ठहरने की व्यवस्था राज्य सरकार करती है।
फिलहाल कोलकाता के तीन सरकारी अस्पतालों में लीवर ट्रांसप्लांट, चार में किडनी ट्रांसप्लांट और दो में हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा है। सरकारी असप्तालों में मुफ्त में अंग प्रत्यारोपण किया जाता है। यहां तक कि रोगियों के स्वस्थ होने तक उनकी चिकित्सा भोजन और ठहरने की व्यवस्था राज्य सरकार करती है।