– मेगा रैली में रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी रहेंगे मौजूद
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा राज्य की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने 21 जुलाई को धर्मतल्ला में प्रस्तावित Mega Rally की तैयारियां तेज कर दी हैं। लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद ममता उक्त रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करने वाली हैं। लोकसभा चुनाव में BJP से लगे करारा झटका से उबरने के लिए ममता पार्टी की भावी रणनीति निर्धारण के लिए चर्चित Political Analyst Prashant Kishore से सलाह ले रही हैं। माना जा रहा है कि रैली मंच से ममता 2021 के विधानसभा चुनाव को लेकर हुंकार भर सकती हैं। पिछले साल उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव को लक्ष्य बनाया था। इधर, मेगा रैली को लेकर प्रशांत पार्टी नेताओं से लगातार मिल रहे हैं और जमीनी हकीकत से अवगत हो रहे हैं। तृणमूल सुप्रीमो का मार्ग दर्शन कर रहे हैं। पार्टी के सांसद, विधायक के अलावा स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को सडक़ों पर उतरने की हिदायत प्रशांत की सलाह की एक कड़ी समझा जा रहा है।
उत्तर बंगाल तथा जंगलमहल बना ङ्क्षचता का कारण-
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा राज्य की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने 21 जुलाई को धर्मतल्ला में प्रस्तावित Mega Rally की तैयारियां तेज कर दी हैं। लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद ममता उक्त रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करने वाली हैं। लोकसभा चुनाव में BJP से लगे करारा झटका से उबरने के लिए ममता पार्टी की भावी रणनीति निर्धारण के लिए चर्चित Political Analyst Prashant Kishore से सलाह ले रही हैं। माना जा रहा है कि रैली मंच से ममता 2021 के विधानसभा चुनाव को लेकर हुंकार भर सकती हैं। पिछले साल उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव को लक्ष्य बनाया था। इधर, मेगा रैली को लेकर प्रशांत पार्टी नेताओं से लगातार मिल रहे हैं और जमीनी हकीकत से अवगत हो रहे हैं। तृणमूल सुप्रीमो का मार्ग दर्शन कर रहे हैं। पार्टी के सांसद, विधायक के अलावा स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को सडक़ों पर उतरने की हिदायत प्रशांत की सलाह की एक कड़ी समझा जा रहा है।
उत्तर बंगाल तथा जंगलमहल बना ङ्क्षचता का कारण-
शहीद दिवस पर धर्मतल्ला में होने वाली मेगा रैली में भारी भीड़ जुटाना तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती दिख रही है। कारण यह कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को उत्तर बंगाल और जंगलमहल के जिलों में झटका लगा है। यही नहीं यहां पंचायत स्तर पर तृणमूल में जबरदस्त टूट भी हुई है। पार्टी के प्रदेश स्तर के एक नेता के अनुसार शहीद दिवस रैली में हर साल उत्तर बंगाल और जंगलमहल के जिलों से पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी भरकम भीड़ आती रही है। इस बार उक्त इलाकों में भाजपा का रूतबा बढऩे के कारण तृणमूल की मेगा रैली में शामिल होने वालों की संख्या बहुत हद तक कम होने की आशंका है। इसके अलावा उत्तर २४ परगना के बैरकपुर व बनगांव तथा हुगली में तृणमूल की हार का असर मेगा रैली पर पडऩे की प्रबल संभावना है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व सांसद सुब्रत बक्सी ने मेगा रैली के संदर्भ में बताया कि इसे लेकर पार्टी को किसी भी चुनौती का सामना नहीं है। इस साल की रैली में अन्य वर्षों के मुकाबले अधिक भीड़ होगी।