Big debate : यहां गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने पर बड़ी बहस
इस राज्य में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने पर बड़ी बहस शुरू हो गई है। राज्य सरकार का तर्क है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को हित में रखकर फैसला किया गया है, जबकि राज्य के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकाओं के संगठन ने दावा किया है कि इससे फायदे से अधिक विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक साबित होगा।
कोलकाता
Updated: June 14, 2022 11:18:11 pm
दावा, फायदे से अधिक नुकसानदायक साबित होगा
स्कूलों को फैसला करने का अधिकार देने का आग्रह
कोलकाता. इस राज्य में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने पर बड़ी बहस शुरू हो गई है। राज्य सरकार का तर्क है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को हित में रखकर फैसला किया गया है, जबकि राज्य के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकाओं के संगठन ने दावा किया है कि इससे फायदे से अधिक विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक साबित होगा। अब देखना है कि राज्य सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करती है या फैसला कायम रहता है। दरअसल पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण राज्य सरकार ने राज्य द्वारा संचालित और राज्य द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां 26 जून तक और 10 दिनों के लिए बढ़ा दी है। सभी स्कूल 27 जून को खुलेंगे। हालांकि दार्जिलिंग कलिम्पोंग सहित पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम अनुकूल रहने के कारण यह आदेश वहां लागू नहीं होगा।
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फैसला करने की अनुमति दें
राज्य के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकाओं के संगठन (एएसएचएच) ने मंगलवार को कहा कि स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी बढ़ाने के फैसले से बच्चों का फायदे से ज्यादा नुकसान होगा। एएसएचएच ने राज्य सरकार से इस संबंध में स्कूलों को फैसला करने का अधिकार देने का आग्रह किया। एएसएचएच के महासचिव चंदन कुमार मैती ने एक बयान में कहा कि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि छात्रों और अन्य हितधारकों के हित में गर्मियों की छुट्टियों के विस्तार के संबंध में स्कूल अधिकारियों को फैसला करने की अनुमति दें।
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लंबी छुट्टी उपयुक्त नहीं
चंदन कुमार मैती ने कहा कि हालांकि इस तरह के निर्णय से छात्रों के लिए चिंता प्रदर्शित होती है, लेकिन यह फैसला कई छात्रों के लिए फायदे से अधिक नुकसानदायक साबित होगा।
मैती ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गए हैं और इस तरह की लंबी छुट्टी छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि लंबे समय बाद उन्हें शिक्षकों से सीखने का मौका मिल रहा है।
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संगठन की यह है ताकत
एएसएसएच राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकाओं का संगठन है। एएसएसएच ने अगले साल की कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा को भी हरी झंडी दे दी है। एएसएसएच का कहना है कि पूरे पाठ्यक्रम को पूरा करना मुश्किल होगा। छुट्टियां बढ़ाने के बाद विभिन्न हलकों में इसकी आलोचना हो रही। शिक्षाविद पवित्र सरकार ने कहा कि अब तो बारिश आ रही है। ऐसे में स्कूल की छुट्टी बढ़ाने का सरकार का फैसला समझ के बाहर है।

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