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बड़ाबाजार पार्किंग समस्या बनी अभिशाप: विजय ओझा

locationकोलकाताPublished: Feb 20, 2019 02:39:36 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

कोलकाता नगर निगम के वर्ष 2019-20 के लिए पेश किए गए बजट पर चर्चा के दौरान सोमवार को सत्ता व विपक्षी पार्षदों के बीच तर्क-वितर्क हुआ।

 Kolkata, West Bengal, India

बड़ाबाजार पार्किंग समस्या बनी अभिशाप: विजय ओझा

– बजट पर चर्चा… विपक्ष ने गिनाई खामियां

– कहा निगम की लापरवाही के कारण बदनाम हो रहे स्थानीय पार्षद

कोलकाता. कोलकाता नगर निगम के वर्ष 2019-20 के लिए पेश किए गए बजट पर चर्चा के दौरान सोमवार को सत्ता व विपक्षी पार्षदों के बीच तर्क-वितर्क हुआ। दोनों दलों के पार्षदों ने अपने-अपने पक्ष रखे। वार्ड नम्बर 23 के भाजपा पार्षद विजय ओझा ने बृहत्तर बड़ाबाजर की पार्किंग से जुड़ी समस्याओं का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की मिलीभगत से बड़ाबाजार में 5 की जगह 50 गाडिय़ां पार्क करा कर अवैध वसूली की जाती है। स्थानीय लोग पार्षदों को इसका भागीदार मानने लगे हैं। उन्होंने एमआईसी, विभागीय अधिकारी व पुलिस से लिखित मदद व कार्रवाई की मांग की है पर अब तक समस्या जस की तस है। पार्किंग विभाग के एमआईसी देवाशीष कुमार को निशाना बनाते हुए कहा कि कॉम्पेक्टर के पास अवैध रूप से पार्किंग की जा रही है।

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– बड़ाबजार की अनदेखी कर रहा निगम

विजय ओझा ने निगम पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि बृहत्तर बड़ाबाजार में भाजपा समर्थकों के मजबूत होने के कारण यहां की निगम अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम को कोलकाता पुलिस की सहायता से अवैध निर्माण के कार्यों पर अंकुश लगाना चाहिए, जुर्माना वसूलना चाहिए इससे निगम की आय में बढ़ोतरी होगी।

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– नए पैक में मिला पुराना सामान

ओझा ने अपना वक्तव्य में पूर्ववर्ती मेयर शोभन चटर्जी के कुर्सी छोडऩे को लेकर तंज कसा।निगम के बजट पर कहा कि सोचा था कि शहरी विकास मंत्री के मेयर बनने पर शहर के विकास के लिए नई योजनाएं देखने को मिलेंगी पर शहरवासियों को नए पैक में पुराना माल ही दिया गया है।

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– शहर के मुद्दे दबाए – भाजपा

कोलकाता नगर निगम के बजट सत्र के दूसरे दिन तृणमूल के पार्षदों ने जवाबी भाषण में केंद्रीय बजट का कई बार उल्लेख किया और उसकी आलोचना की। जिसका भाजपा पार्षदों ने विरोध किया। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए बार-बार केंद्रीय बजट का उल्लेख कर रही है, जबकि केएमसी बजट का केंद्रीय बजट से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा नेता व पार्षद विजय ओझा ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा कि यह केएमसी का बजट सत्र है या दिल्ली का लोकसभा बजट सत्र। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पूरे बजट को लोकसभा चुनाव केंद्रित कर रखा है।

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– नाच न जाने आंगन टेढ़ा: मेयर

मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि हमने शहरवासियों के हित में बजट पेश किया है। भाजपा कभी भी केएमसी की सत्ता नहीं संभाल पाएगी। भाजपा की हालत फिलहाल नाच न जाने आंगन टेढा कहने वाले व्यक्ति की तरह है।

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