स्थानीय पुलिस ने बताया कि सुबह लोगों ने हांसदा का शव उसके घर के पास एक पेड़ से लटका देखा। भाजपा समर्थकों ने शव को लेकर सडक़ जाम कर प्रदर्शन किया और हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हांसदा की पत्नी अंजली ने दावा किया कि उसके पति की हत्या की गई है। स्थानीय भाजपा नेता गौरीशंकर अधिकारी ने आरोप लगाया कि मंगलवार को भाजपा-तृणमूल समर्थकों में संघर्ष के बाद तृणमूल समर्थकों ने हांसदा को जान से मारने की धमकी दी थी।
उसकी हत्या तृणमूल समर्थकों ने की है। जबकि तृणमूल नेता कालीपद सामन्त ने आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि पारिवारिक कलह के कारण हांसदा नेआत्महत्या की है।
मानवाधिकार की बात करने वाले चुप क्यों- अरविन्द मेनन
भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और सह प्रभारी अरविन्द मेनन ने बरसा हांसदा की निर्मम हत्या करने का आरोप लगाया और इसकी निंदा की। विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में तृणमूल के गुण्डों का आतंक कम नहीं हुआ है। बरसा हांसदा की हत्या करवा कर ममता बनर्जी आदिवासी समुदाय में भय पैदा करना चाहती हैं।
अरविन्द मेनन ने कहा कि बंगाल में आदिवासी बरसा की हत्या कर पेड़ से लटका दिया गया लेकिन, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य जगह मानवाधिकार हनन की बात करने वाले लोगों ने इस निर्मम हत्या पर एक शब्द भी नहीं कहा।
पहले भी आदिवासी और दलितों को मार कर लटकाया
इससे पहले पिछले साल पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल के जंगलमहल के जिलों में आदिवासी और दलित समुदाय के भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करके उन्हें लटकाया गया था। 29 मई 2018 को पुरुलिया के त्रिलोचन महतो, दो जून को शिशु पाल और जगन्नाथ टुडू और दुलाल कुमार को मार कर लटका दिया गया था। त्रिलोचन के पीठ पर यह लिखा गया था कि उसकी हत्या भाजपा करने के लिए किया गया है।