भाजपा की रथयात्रा को लेकर बंगाल में चढ़ा सियासी पारा
– हरिनाम कीर्तन करते सडक़ों पर उतरे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता
भाजपा की रथयात्रा को लेकर बंगाल में चढ़ा सियासी पारा
कोलकाता पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा को लेकर सियासी पारा चढऩे लगा है। रथयात्रा को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष उत्साहित हैं। वे जहां रथयात्रा को सफल करने के लिए जोरशोर से जुटे हुए हैं वहीं बीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अनुब्रत मंडल रथयात्रा को विफल कराने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। दोनों तरफ से टिप्पणियों और अभद्र भाषा के बयान आ रहे हैं। कहीं दिलीप घोष तृणमूल के नेताओं के खिलाफ तीखी टिप्पणी कर रहे हैं तो कहीं अनुब्रत मंडल दिलीप घोष के खिलाफ अभद्र भाषा और अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ दिन पहले अनुब्रत मंडल ने बीजेपी के रथ के सामने खड़े होने की बात कही थी, जिसके जवाब में दिलीप घोष ने कहा था कि अगर कोई रथ के सामने आएगा तो ***** जाएगा। रथयात्रा को रोकने के लिए तैयारी में जुटे अणुब्रत मंडल के कहने पर उनके साथी-संगियों ने पूरे इलाके में ढोल-नगाड़ों के साथ एक नगर कीर्तन निकाला। अनुब्रत ने पहले ही साफ कर दिया था कि रथ के सामने उनके लोग ढोल-नगाड़े लेकर के खड़े रहेंगे, ठीक वैसे ही जैसे किसी की मैय्यत के दौरान होता है। सूत्रों के अनुसार बीरभूम जिला तृणमूल की तरफ से लगभग 4 हजार तबले और 8 हजार खंजनी लोगों को बांटे जाएंगे। घोषणा के मुताबिक गुरुवार से ही लोग कीर्तन करने निकल पड़े हैं। गुरुवार को बीरभूम के बोलपुर में एक रैली निकाली गई। जिसमें शामिल लोगों के हावभाव बताते हैं कि भाजपा की रथयात्रा को रोकने के लिए तृणमूल कुछ भी कर सकती है और किसी भी हद तक जा सकती है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से किए गए नगर कीर्तन पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि ये तो अच्छी बात है और हम इसका स्वागत करते हैं । अगर सही में बीरभूम में कोई हरिनाम कीर्तन करता है तो यह बीरभूम के लिए अच्छी बात है। वहां शांति आएगी और बंगाल में भी शांति आएगी। जिन लोगों के हाथ खून से रंगे हैं उनके पाप थोड़े तो धुल जाएंगे। भारत श्री चैतन्य का है, श्री कृष्ण का है। तृणमूल कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए जो पाप कर रही है हरिनाम का कीर्तन करने से धुल जाएगा।