दोनों पक्षों की ओर से तय किए स्थान पर हुई थी फ्लैग मीटिंग वहीं बीएसएफ के अधिकारी ने कहा, दोनों पक्षों की ओर से तय किए स्थान पर फ्लैग मीटिंग हुई थी। मीटिंग कभी भारतीय सीमा में होती है कभी बांग्लादेश की सीमा में। बैठक में हिस्सा लेने के लिए 6 सदस्यीय बीएसएफ की टीम ने मुर्शिदाबाद जिले में पद्मा नदी के पार अंतरराष्ट्रीय सीमा में 400 मीटर अंदर प्रवेश किया था। जहां बिना उकसावे के बीजीबी ने फायरिंग की। इसके साथ ही अधिकारी फ्लैग मीटिंग के दौरान अपनी टीम के प्रमुख व पोस्ट कमांडर के शॉट्र्स पहनने का बचाव किया। बीएसएफ अधिकारी के मुताबिक शॉटर्स पहनना उस सीमायी विशेष भौगोलिक क्षेत्र की जरूरत है। बीएएसएफ के मुताबिक उसके 6 जवानों में से एक सिविल ड्रेस में था और पोस्ट कमांडर ने नीचे कैमोफ्लाग वाली टी-शर्ट और शॉट्र्स पहने हुए थे। चूंकि, इलाका कीचड़ और दलदली है इसलिए ज्यादातर समय वहां लोग शॉट्र्स ही पहनते हैं। बीएसएफ के अधिकारी ने बीजीबी के उस दावे का खंडन भी किया है जिसमें यह कहा गया है कि उसने एक ही भारतीय मछुआरे को पकड़ा था और दो भागने में सफल रहे। अधिकारी के मुताबिक बीजीबी ने सभी तीन मछुआरों को पकड़ कर उनके सामान जब्त कर लिए थे। बाद में उन्होंने दो मछुआरों को यह कहकर छोड़ा था कि वे बीएसएफ के पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाने का संदेश दे दें। ऐसा दोनों मछुआरों ने बीएसएफ को सूचित किया। बीएसएफ अधिकारी के मुताबिक घटना के दोनों पक्षों के कमांडिंग अधिकारियों के बीच टेलीफोन पर बात हुई है। बातचीत में बीजीबी के समकक्ष ने स्वीकार किया है कि बीएसएफ के जवानों ने न तो अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन किया न ही बांग्लादेश क्षेत्र के अंदर प्रवेश किया था। बता दें गुरुवार को बीजीबी की फायरिंग में बीएएसएफ के 51 वर्षीय हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह की मौत हो गई थी, जबकि कांस्टेबल राजवीर यादव घायल हो गए थे।