scriptबड़ाबाजार में चार मंजिला इमारत ढही, मलबे में फंसी महिला | Building collapses in Barabazar, woman trapped in rubble | Patrika News

बड़ाबाजार में चार मंजिला इमारत ढही, मलबे में फंसी महिला

locationकोलकाताPublished: Sep 06, 2021 12:21:51 am

Submitted by:

MOHIT SHARMA

मकलकर्मियों ने निकाला बाहर, तेजी से हटाया जा रहा मलबा

इमारत ढही, मलबे में फंसी महिला|

इमारत ढही, मलबे में फंसी महिला|

कोलकाता. बड़ाबाजार के बाबूलाल लेन में रविवार तडक़े तीन बजे चार मंजिला एक पुरानी इमारत भरभरा कर पास के मकान पर गिर पड़ी। इससे पास के मकान की एक महिला मलबे में दब गई। दमकलकर्मियों ने उसे किसी तरह बाहर निकाला। उसको विशुद्धानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसका नाम मंजू गौड़ (54) है। फिलहाल वह ठीक है। ये दोनों मकान वार्ड नंबर 42 में हैं। सूचना मिलने पर स्थानीय पार्षद सुनीता झंवर भी मौके पर पहुंची।
सुनीता झंवर ने बताया कि जो महिला मलबे में दबी थी वह एक नंबर बाबूलाल लेन स्थित मकान में रहती है। इस मकान में और 50 परिवार रहते हैं। स्थिति को देखते हुए इन सभी को वहां से हटा दिया गया है। उनको अन्य जगह पर रहने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कोलकाता नगर निगम के कर्मचारी मलबा हटाने का काम तेज गति से कर रहे हैं। सुनीता ने बताया कि खतरनाक इमारतों को तोडऩे के लिए उन्होंने कई बार नगर निगम को पत्र दिया है। उन्होंने नगर निगम से कहा था कि या तो ऐसी इमारतों को तोड़ दिया जाए या फिर इसे खाली करा दिया जाए। लेकिन नगर निगम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
तीन साल पहले ढहा था एक हिस्सा
तीन साल पहले भी इस मकान का एक हिस्सा ढहा था। तब से इसे नगर निगम ने खतरनाक घोषित कर दिया है। जिस कारण इस मकान में कोई फिलहाल नहीं रहता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ाबाजार में बाबूलाल लेन में लोगों की काफी भीड़ होती है। इसमें कोई शक नहीं कि अगर हादसा सुबह के बजाय दिन में होता तो जान-माल का काफी नुकसान होता। स्थानीय लोगों ने नगर निगम प्रशासन से सवाल किया है कि खतरनाक मकान घोषित करने के बाद भी इस मकान को क्यों नहीं गिराया गया। इस पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है।
सिर पर मंडरा रहा पुरानी इमारतों का खतरा
कोलकाता में ब्रिटिश जमाने की पुरानी इमारतों की कमी नहीं है। कोलकाता के बड़ाबाजार, गिरीश पार्क, बड़तल्ला, सियालदह, तालतल्ला, बऊबाजार, महात्मा गांधी सहित कई इलाकों में ऐसी कई इमारतें हैं जो 150 से 250 वर्ष पुरानी हैं। नगर निगम का कहना है कि बार-बार नोटिस देने के बावजूद लोग घर खाली नहीं करते। जब कोई घटना होती है तो सारी जिम्मेदारी प्रशासन पर आ जाती है। मालूम हो कि कोलकाता नगर निगम की ओर से जिस मकान को खतरनाक घोषित करते हुए नोटिस लगा दिया जाए तो उसे नियमानुसार खाली कर देना चाहिए। पर बड़ाबाजार में लोग एक इंच भी अपनी जगह को छोडऩा नहीं चाहते हैं। इसलिए वे मौत के साए में बेफिक्र होकर दिन गुजारते हैं।
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