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ज्वलंत सवाल लोकतंत्र रहेगा या नहीं- मुकुल

locationकोलकाताPublished: Apr 12, 2018 11:05:32 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

बंगाल में भाजपा से डर कर नामांकन रुकवा रही हैं ममता, बाबुल सुप्रियो ने लोगों से किया लोकतंत्र प्रहरी मंच बनाने का आह्वान

kolkata west bengal
कोलकाता
भाजपा नेता मुकुल राय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र पर खतरा होने और भाजपा से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के डरने का दावा किया।

दूसरी ओर केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोगों से तृणमूल कांग्रेस और उसकी सरकार की तानाशाही के खिलाफ गैर राजनीतिक लोकतंत्र प्रहरी मंच तैयार कर आम लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा करने की लड़ाई लडऩे का आह्वान किया।
विपक्षी दलों की ओर से देश भर में भाजपा का बेवजह असंवैधाकि तरीके से विरोध करने के विरोध में भाजपा नेताओं ने गुरुवार को कोलकाता के मेओ रोड स्थित गांधी मूर्ति के पास धरना दिया। इस दौरान मुकुल राय ने कहा कि वर्ष 2006 में तृणमूल कांग्रेस भाजपा नीत एनडीए में थी। उस दौरान तृणमूल युवा कांग्रेस के सम्मेलन में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि बंगाल के लिए सबसे बड़ा ज्वलंत सवाल यह है कि राज्य में लोकतंत्र रहेगा या नहीं। तब बंगाल में माकपा नीत वाम मोर्चा की सरकार थी और तृणमूल कांग्रेस विपक्ष में थी। अब तृणमूल कांग्रेस सरकार में है और इसकी तानाशाही और हिंसा के कारण वह सवाल इस दिन और भी गहरा गया है। विपक्षी दलों को पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने नहीं करने दिया जा रहा है। रोज लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है और पत्रकारों पर हमला किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि उन्होंने राज्य का बहुत विकास किया है। अगर यह सच है तो उनकी पार्टी विरोधी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से क्यों रोक रही है। सच्चाई यह है कि ममता बनर्जी डर गई हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के विकास का सच देखना है तो आदिवासी नेता छत्रधर महतो और चिंता मुर्मु के घर और उसके आस-पास का इलाका का नजारा देख लिया जाए। वहां चारों तरफ गरीबी ही नजर आएगी। ममता बनर्जी उसे अस्पताल होने का दावा करती हैं, लेकिन वह निर्माण भर है।
केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बंगाल में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार का जबर्दश्त हनन हो रहा है और यह काम तृणमूल कांग्रेस और उसकी राज्य सरकार कर रही है। पंचायत चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया। इस पर अंकुश लगाने के लिए आम लोग आगे आएं। आम लोग टोले मुहल्ले स्तर पर नाइट गार्ड की तरह गैर राजनीति लोकतांत्रिक प्रहरी मंच बनाए और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा की मुहिम चलाएं। उन्होंने कहा कि वे नहीं कहते कि वे भाजपा को सत्ता में लाने या उसके पक्ष में काम करें। वे राजनीति से हट कर राज्य में लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम करें।

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