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CAA: दिल्ली हिंसा के मद्देनजर बंगाल में अलर्ट

locationकोलकाताPublished: Feb 25, 2020 10:09:47 pm

-कोलकाता समेत पूरे राज्य की पुलिस को सतर्क रहने का निर्देश-पार्क सर्कस के धरने पर रखी जा रही विशेष नजरदारी

CAA: दिल्ली हिंसा के मद्देनजर  बंगाल में अलर्ट

CAA: दिल्ली हिंसा के मद्देनजर बंगाल में अलर्ट

कोलकाता

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध को लेकर दिल्ली में फैली हिंसा के म²ेनजर कोलकाता समेत पूरे पश्चिम बंगाल में सतर्कता जारी की गई है। हिंसा की आग बंगाल में न पहुंचे, इसे लेकर विशेष सर्तकता बरती जा रही है। राज्य सचिवालय की ओर से राज्य के सभी थानों को सतर्क किया गया है। खुफिया विभाग को भी निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। कोलकाता के पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने अपने सभी स्तर के अधिकारियों को पूरी तरह से मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है। पार्क सर्कस जहां दिल्ली के शाहिन बाग की तरह लम्बे समय से सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन चल रहा है, वहां विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
कोलकाता पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार सुबह को पुलिस आयुक्त ने सभी उपायुक्तों, सहायक आयुक्तों और थाना प्रभारियों को इलाके में गश्त लगाने का निर्देश दिया। पुलिसकर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र से अधिक सूचनाएं जुटाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इलाके में रहने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस अधिकारियों को इलाके के प्रमुख लोगों और विभिन्न समुदायों के नेताओं के साथ नियमित संपर्क में भी रहने को कहा गया है। पुलिस अधिकारियों को अपने इलाकों में होने वाली छोटी-बड़ी सभी सभाओं पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाकों में हो रही सभाओं या किसी भी तरह के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करने को कहा गया है। सभा के पीछे कौन लोग शामिल हैं, इसकी जानकारी जुटाने को कहा गया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआइएम), हिंदू संहिति व हिंदू सेना जैसे कïट्टरपंथी संगठनों की बैठक व सभा को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि शुरू में सीएए के विरोध में हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में काफी अशांति हुई थी। पुलिस को इन जिलों में अधिक सक्रिय रहने को कहा गया है। राज्य सचिवालय ने पुलिस को गांव के लोगों की मदद से खुफिया जानकारी जुटाने को कहा है। साथ ही पूर्व में दंगों में शामिल सभी संगठनों और उनके नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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