कोलकाता
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को शर्तों पर भारत-बांग्लादेश सीमा पेट्रापोल से कोलकाता को जोडऩे वाले जेसर रोड के दोनों तरफ के 350 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति दे दी। राज्य सरकार की याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जे भट्टाचार्य और न्यायाधीश ए बनर्जी की खण्डपीठ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 112 जेसर रोड को चौड़ा करने के दोनों किनारे के सैकड़ों पेड़ काटें जा सकते हैं, लेकिन प्रत्येक पेड़ काटने के एवज में पांच नए पेड़ लगाने होंगे। राज्य सरकार को सडक़ निर्माण के कार्य प्रगति की तीन महीने के बाद रिपोर्ट पेश करनी होगी।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को शर्तों पर भारत-बांग्लादेश सीमा पेट्रापोल से कोलकाता को जोडऩे वाले जेसर रोड के दोनों तरफ के 350 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति दे दी। राज्य सरकार की याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जे भट्टाचार्य और न्यायाधीश ए बनर्जी की खण्डपीठ ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 112 जेसर रोड को चौड़ा करने के दोनों किनारे के सैकड़ों पेड़ काटें जा सकते हैं, लेकिन प्रत्येक पेड़ काटने के एवज में पांच नए पेड़ लगाने होंगे। राज्य सरकार को सडक़ निर्माण के कार्य प्रगति की तीन महीने के बाद रिपोर्ट पेश करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि जेसर रोड बांग्लादेश और भारत को जोडऩे का महत्वपूर्ण मार्ग है। इसके दोनों तरफ सैकड़ों पुराने पेड़ हैं। इनमें से कुछ पेड़ों को काट कर राज्य सरकार ने उक्त राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने की योजना बनाई है। लेकिन पर्यावरण संरक्षण संस्थाओं ने पेड़ों का काटने पर रोक लगाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। उक्त जनहित याचिका की महीनों सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बारासात से पेट्रापोल सीमा के बीच पांच जगहों पर जेसर रोड के दोनों तरफ के 356 पेड़ काटने का निर्देश दिया। दूसरी ओर जनहित याचिका दाखिल करने वाले पर्यावरणविदें ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है।