कहा, बहुत जरूरी होने पर ही मुवक्किलों से मिलें वकील, निचली अदालतों को घर से काम करने का दिया निर्देश कोलकाता.
कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट भी चौकस हो गया है। सोमवार से कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वालों की थर्मल स्कीनिंग शुरू कराने के साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सभी निचली अदालतों को घर से काम करने का निर्देश दे दिया है।
कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट भी चौकस हो गया है। सोमवार से कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वालों की थर्मल स्कीनिंग शुरू कराने के साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सभी निचली अदालतों को घर से काम करने का निर्देश दे दिया है।
हाई कोर्ट प्रशासन के अनुसार कोर्ट परिसर में नियमित रूप से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इसलिए कोर्ट में होने वाली भीड़ से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा अधिक है। इसलिए परिसर में प्रवेश करने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। संदिग्धों को डॉक्टर के पास भेजा जाएगा।
इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीशों दीपांकर दत्त, इंद्रप्रसन्ना मुखर्जी और संजीव बंद्योपाध्याय ने रविवार को कोरोना को ले कर विशेष बैठक की। बैठक में तीनों जजों ने कोर्ट परिसर में भीड़ कम करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है। इस क्रम में हाई कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बहुत जरूरी होने पर ही नए मामले स्वीकार किए जाएंगे और उन्ही मामलों की सुनवाई होगी, जो बहुत जरूरी है। हाई कोर्ट ने वकीलों को बहुत जरूरी होने पर ही अपने मुवक्किलों से मिलने की हिदायत दी है। हाई कोर्ट की ओर से दी गई निर्देशिका में कहा गया है कि उनके ये सभी निर्देश आगामी 20 मार्च तक लागू होंगे। उसके बाद फिर आगामी शुक्रवार को मौजूदा स्थिति देख कर फैसला लिया जाएगा। हाई कर्ट के ये सभी फैसले राज्य के निचली अदालतों पर भी लागू होगा। हाई
साथ ही कोर्ट परिसर में भीड़ कम करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल राय चट्टोपाध्याय ने हाई कोर्ट सहित जिला और निचली अदालतों के कर्मियों को अदालत आने के बजाय घर से ही काम करने का निर्देश दिया है।
साथ ही कोर्ट परिसर में भीड़ कम करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल राय चट्टोपाध्याय ने हाई कोर्ट सहित जिला और निचली अदालतों के कर्मियों को अदालत आने के बजाय घर से ही काम करने का निर्देश दिया है।