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कलकत्ता हाईकोर्ट में अभूतपूर्व घटना- न्यायाधीश ने की मंत्री को हटाने की सिफारिश

locationकोलकाताPublished: May 17, 2022 06:50:19 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

कलकत्ता हाईकोर्ट में अभूतपूर्व मामला सामने आया है। न्यायाधीश अरिजीत गंगोपाध्याय ने राज्य के शिक्षा राज्यमंत्री परेश अधिकारी को उनके पद से हटाने की सिफारिश कर दी है। साथ ही उन्हें सीबीआई की जांच का सामना करने को कहा है। मामला उनकी पुत्री की स्कूल में नियुक्ति से जुड़ा हुआ है।

कलकत्ता हाईकोर्ट में अभूतपूर्व घटना- न्यायाधीश ने की मंत्री को हटाने की सिफारिश

कलकत्ता हाईकोर्ट में अभूतपूर्व घटना- न्यायाधीश ने की मंत्री को हटाने की सिफारिश

कोलकाता

कलकत्ता हाईकोर्ट में अभूतपूर्व मामला सामने आया है। न्यायाधीश अरिजीत गंगोपाध्याय ने राज्य के शिक्षा राज्यमंत्री परेश अधिकारी को उनके पद से हटाने की सिफारिश कर दी है। साथ ही उन्हें सीबीआई की जांच का सामना करने को कहा है। मामला उनकी पुत्री की स्कूल में नियुक्ति से जुड़ा हुआ है।
कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई के दौरान अभूतपूर्व सिफारिश की है। स्कूली शिक्षामंत्री परेश अधिकारी की पुत्री की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने परेश अधिकारी को उनके पद से हटाने की सिफारिश राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से की है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप कर मंगलवार की रात आठ बजे तक मंत्री परेश अधिकारी को सीबीआइ कार्यालय निजाम पैलेस में पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। इसके लिए सीबीआइ को तुरंत विशेष टीम गठित करने का भी आदेश दिया है। अदालत मंत्री पुत्री अंकिता की नियुक्ति में मेरिट लिस्ट का पालन नहीं किए जाने संबंधी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर रही थी।
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बबिता अधिकारी ने दायर की है याचिका
याचिकाकर्ता बबिता अधिकारी ने अदालत को बताया कि एसएलएसटी की वर्ष 2017 में आयोजित हुई 11वीं और 12वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता हुई है। बबिता की याचिका में कहा गया है कि पहले घोषित प्रतीक्षा सूची में उसकी क्रमांक २० था। मंत्री की पुत्री अंकिता अधिकारी का क्रमांक २१ था। कुछ दिनों बाद मेरिट लिस्ट बदल दी गई। अंकिता २० वें स्थान पर आ गई और उन्हें २१ वें स्थान दिया गया। याचिका में दावा किया गया है कि अंकिता के प्राप्तांक उससे कम हैं। इसके बावजूद अंकिता वर्ष 201९ से मेखलीगंज के एक स्कूल में कार्यरत है। जबकि उन्हें अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
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पर्सनॉलिटी टेस्ट में हिस्सा ही नहीं लिया
मंगलवार को मामले की सुनवाई में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। अदालत को मालूम चला कि मंत्री की पुत्री ने व्यक्तित्व परीक्षण में हिस्सा नहीं लिया। एसएससी के पास इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला कि अंकिता ने पर्सनैलिटी टेस्ट में कितने अंक हासिल किए।
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सात जून तक रिपोर्ट दे सीबीआइ, अगली सुनवाई पांच जुलाई को
हाईकोर्ट ने मामले की जांच रिपोर्ट आगामी सात जून तक अदालत को देने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई पांच जुलाई को होगी।
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मंत्री बोले जानकारी नहीं
इधर इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के स्कूली शिक्षामंत्री परेश अधिकारी ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। वहीं सीबीआइ कार्यालय में जाने के सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।

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