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आत्मदाह की धमकी सुनकर कैसे मूकबधिर बने रहे सीपी

locationकोलकाताPublished: Dec 23, 2015 10:54:00 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

न्यायाधीश भट्टाचार्य ने कोलकाता पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि मूकबधिर बनकर पुलिस लौट आई।

calcutta high court

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कोलकाता 
स्थानीय तृणमूल कांग्रेस पार्षद के पति द्वारा आत्मदाह कर लेने की धमकी दिए जाने के बावजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया। मौके पर उपस्थित कोलकाता के पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ धमकी सुनकर कैसे मूकबधिर बने रहे। आत्मदाह करना कानूनन अपराध है। यह जानकर भी पुलिस आयुक्त ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? नाकतला जमीन प्रकरण पर बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई के वक्त न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य ने यह टिप्पणी की।
 हाईकोर्ट के निर्देश पर कोलकाता पुलिस नाकतला में जमीन खाली करने गई थी। उस जमीन के एक हिस्से पर तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने पार्टी कार्यालय बना रखा है। कोलकाता के पुलिस आयुक्त भी उस समय मौके पर उपस्थित थे। स्थानीय 100 नंबर वार्ड की तृणमूल कांग्रेस पार्षद सुष्मिता दाम के पति भास्कर दाम ने धमकी दी कि यदि पुलिस ने जमीन खाली करवाने की कोशिश की तो वह आत्मदाह कर लेंगे। भास्कर ने अपने हाथ में पेट्रोल से भरी बोतल रखी थी। तृणमूल समर्थकों के कड़े विरोध के मद्देनजर पुलिस बैरंग लौट आई। 
बुधवार को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत में रिपोर्ट सौंपकर उस दिन की घटना की जानकारी दी। तभी न्यायाधीश भट्टाचार्य ने कोलकाता पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एक व्यक्ति हाथ में पेट्रोल लेकर सरेआम पुलिस के सामने आत्मदाह कर लेने की धमकी दे रहा था। पुलिस आयुक्त खुद वहां उपस्थित थे। फिर भी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। मूकबधिर बनकर पुलिस लौट आई। न्यायाधीश ने सरकारी अधिवक्ता से पूछा कि यदि राज्य सचिवालय नवान्न, राइटर्स बिल्डिंग में कोई कब्जा करना चाहे तो क्या उसे अनुमति दी जाएगी। फिर आम आदमी के मामले में पुलिस का रवैया इसलिए अलग रहा क्योंकि मामला सत्तापक्ष का है। कोलकाता नगर निगम की भूमिका की भी निंदा करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि निगम कार्यालय पर जबरन कब्जा करनेवालों को क्या छूट दी जाती। नाकतला प्रकरण से साफ होता है कि राज्य की कानून व्यवस्था कैसी है। न्यायाधीश भट्टाचार्य ने साफ शब्दों में कहा कि 14 जनवरी तक पुलिस आयुक्त यदि जमीन खाली नहीं करा पाते तो हाईकोर्ट अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करेगा। जरूरत पडऩे पर सेना की मदद ली जाएगी। किसी को जमीन लेनी है तो उसे कानून के दायरे में रहकर ही लेना होगा।
पार्षद पति अपने रुख पर अडिग
इधर पार्षद के पति भास्कर दाम अपने रुख पर अडिग हैं। अदालत के निर्देश पर प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होंने बताया कि अदालत अगर उक्त जमीन को खेल का मैदान बनाना चाहे तो वे वहां से पार्टी ऑफिस और क्लब हटा लेंगे। अगर जमीन केवल खाली कराना चाहेगी तो वे पीछे नहीं हटेंगे। उसके लिए जो भी करना पड़े करेंगे।
कोलकाता पुलिस चुप
कोलकाता पुलिस इस मामले पर चुप है। अदालती निर्देश पर पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्रा से इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि अदालत से अब तक पुलिस के पास कोई लिखित निर्देश नहीं आया है। जिस तरह का आदेश आएगा उसी अनुसार पुलिस मामले में अपना कदम बढ़ाएगी।
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