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देश के सबसे बड़े पुस्तक बाजार को बचाने की मुहिम

locationकोलकाताPublished: Jun 15, 2020 11:30:30 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

चक्रवाती तूफान अम्फान ने देश के सबसे बड़े पुस्तक बाजार को तबाह कर दिया था। ऐसे में लगने लगा था कि कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट स्थित यह बाजार बर्बाद हो जाएगा, पर महानगर के संजीदा लोगों ने बाजार को बचाने की मुहिम शुरू कर दी है। इसमें पब्लिसर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड का विशेष योगदान है।

देश के सबसे बड़े पुस्तक बाजार को बचाने की मुहिम

देश के सबसे बड़े पुस्तक बाजार को बचाने की मुहिम

आगे आए पुस्तक प्रेमी, साहित्यकार, सांसद
अब तक चंदा देकर जुटाए 5 लाख से अधिक

कोलकाता. चक्रवाती तूफान अम्फान ने देश के सबसे बड़े पुस्तक बाजार को तबाह कर दिया था। ऐसे में लगने लगा था कि कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट स्थित यह बाजार बर्बाद हो जाएगा, पर महानगर के संजीदा लोगों ने बाजार को बचाने की मुहिम शुरू कर दी है। इसमें पब्लिसर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड का विशेष योगदान है। गिल्ड ने न सिर्फ आर्थिक मदद की है, पर बाजार को बचाने के लिए लोगों से सहयोग करने की अपील भी की है। इसका सकारात्मक असर देखने को मिला है। कोई सौ तो कोई पांच सौ तो कोई एक लाख 25 हजार रुपए अनुदान के तौर पर दे रहा है। इसमें बंगाल के राज्यसभा के सदस्य, लेखक, वैज्ञानिक और कई व्यवसायी शामिल हैं। गिल्ड के प्रेसिडेंट त्रिदिव चटर्जी ने बताया कि हमारे लिए हर वह शख्स महत्वपूर्ण है जो इस पुस्तक बाजार को बचाने में अपना योगदान कर रहा है चाहे वह सौ रुपए हो या फिर एक लाख। शनिवार तक पांच लाख रुपए गिल्ड के फंड में जमा हो चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसमें अपना व्यक्तिगत सहयोग किया है। इसके अलावा कवि-साहित्यकार श्रीजात, नीलांजन चट्टोपाध्याय ने भी मदद की है। हमने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी इस बाबत पत्र लिखा है। हमारा एकाउंट 30 जून तक खुला रहेगा। उन्होंने बताया कि हमारे गिल्ड सदस्य इस जमा राशि का उपयोग नहीं करेंगे।

कई कमेटियां बनाई
पुस्तक बाजार को बचाने के लिए कई कमेटियां बनाई गई हैं। कई प्रकाशक घरानों ने मिलकर दीप प्रकाशन के साथ एक फंड बनाया है। दीप प्रकाशन के प्रमुख और पश्चिम बंगाल पब्लिशर्स एसोसिएशन के महासचिव शंकर मंडल ने कहा कि वे खुद की भरपाई के लिए इस फंड से एक पैसा नहीं लेंगे।
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