हावड़ा चार दशक पहले यात्री सुविधा के लिए बने हावड़ा स्टेशन के सब-वे में हॉकरों का कब्जा है जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन पकडऩे में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सब-वे खाली कराने के लिए उनकी नजरें जिला प्रशासन व रेल प्रशासन पर टिकी रहती हैं। इस सब-वे के कुल 15 गेट हैं। गेट की सीढिय़ां से लेकर सब-वे में दोनों तरफ हॉकरों का जमावड़ा रहता है। प्रतिदिन सब-वे में बैठने वाले हॉकरों से कुछ असामाजिक तत्व मोटी रकम अवैध तरीके से वसूलते हैं। इसमें सब-वे से लेकर स्टेशन के बाहर और आस-पास के हॉकरों से यह वसूली की जाती है। यह पैसा किसके पास जाता है। इसको लेकर कोई मुंह नहीं खोलना चाहता है। सब-वे के अंदर और बाहर कुल मिलाकर तीन सौ हॉकर बैठते हैं। उनका कहना है कि पंद्रह साल से डाला लगा रहे हैं। वाममोर्चा के शासनकाल में भी पैसा देकर बैठते थे। अभी भी पैसा देकर बैठते हैं।
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भीड़भाड़ के कारण छूट जाती है ट्रेन हावड़ा स्टेशन के लाखों यात्री इस सब-वे से होकर गुजरते हैं। यात्री भीड़भाड़ के कारण अपना सामान भी ठीक से नहीं ले जा पाते हैं। कभी किसी दैनिक यात्री की लोकल ट्रेन छूट जाती है तो कभी किसी की मेल व एक्सप्रेस ट्रेन। यात्रियों को आरोप है कि बार-बार रेलवे व स्थानीय पुलिस प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई खास असर नहीं हुआ।
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मरम्मत भी नहीं करने देते हॉकर सब-वे केएमडीए के अधीन है। खबर यह भी है कि केएमडीए की ओर से इस सब-वे की मरम्मत भी नहीं की जा पा रही है। क्योंकि दखल करने वाले हॉकर खाली नहीं करते हैं।
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मशीनें खराब होने से सांस लेने में भी तकलीफ केएमडीए की ओर से सब-वे में ऑक्सीजन के लिए पांच मशीनें लगाई गईं लेकिन इसमें से तीन खराब पड़ी हैं। इसमें उम्रदराज यात्रियों को भीड़ के कारण सांस लेने में तकलीफ भी होती है।
अगर सब-वे में हॉकरों के बैठने की शिकायत मिलेगी तो उसे पूरी तरह से खाली करवा दिया जाएगा।
– कुणाल अग्रवाल, पुलिस आयुक्त, हावड़ा सिटी पुलिस रेलवे परिसर में हॉकरों के प्रवेश पर रोक है। अगर कोई हॉकर प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाती है। कड़ी कार्रवाई के तौर पर जुर्माना किया जाता है।
– रजनीश त्रिपाठी, सीनियर कमांडेंट, रेलवे सुरक्षा बल, हावड़ा मंडल
– कुणाल अग्रवाल, पुलिस आयुक्त, हावड़ा सिटी पुलिस रेलवे परिसर में हॉकरों के प्रवेश पर रोक है। अगर कोई हॉकर प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाती है। कड़ी कार्रवाई के तौर पर जुर्माना किया जाता है।
– रजनीश त्रिपाठी, सीनियर कमांडेंट, रेलवे सुरक्षा बल, हावड़ा मंडल