शुक्रवार को राज्यपाल ने ट्विटर पर पत्र पोस्ट किया जिसमें लिखा है मैंने गृह सचिव और कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन दोनों ने जानकारी नहीं दी। फिरहाद हकीम तो आए ही नहीं। इसलिए आपको पत्र भेजना पड़ा है।
पत्र में राज्यपाल ने सवाल किया है कि क्या होता अगर घसीटे जाने वाले शवों में से कोई एक आपका रिश्तेदार या दोस्त होता? राज्यपाल ने लिखा है कि इसी तरह के सवाल लोग पूछ रहे हैं। मुख्यमंत्री को इस बाबत पूरी जानकारी देनी चाहिए।
राज्यपाल ने लिखा है कि जिस तरह से शवों के साथ बर्बरता की गई है वह हमें शर्मिंदा करने वाला है और इससे राज्य की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसकी वजह से बंगाल के आम लोगों में गुस्सा है और यह तभी कम होगा जब मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों माफी मांगेंगे।
कुछ दन पहले पश्चिम बंगाल से एक वीडियो सामने आया था जिसमें कोलकाता नगर निगम के वाहन में रखने के दौरान शव घसीटे जा रहे थे। इसको लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पहले भी ममता सरकार से सार्वजनिक तौर पर माफी माँगने के लिए कहा थ। राज्यपाल ने कहा था ‘मानव शरीर को हूक से खींचने वाला यह भयावह अकल्पनीय डर हमें लंबे समय तक परेशान करेगा। ममता बनर्जी द्वारा प्रायश्चित के रूप में सार्वजनिक माफी अपेक्षित है। यह बर्बरता मानवता पर अमिट दाग है। शवों का अंतिम संस्कार तय पंरपरा के अनुसार होना चाहिए। यह एक गंभीर और आध्यात्मिक कार्य है।’’