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सीबीआई संकट: वर्मा व अस्थाना में अनबन का बंगाल कनेक्शन!

locationकोलकाताPublished: Nov 06, 2018 09:13:48 pm

– चिटफंड घोटाले में वर्मा ने अस्थाना से किया था सवाल-जवाब

Kolkata West Bengal

सीबीआई संकट: वर्मा व अस्थाना में अनबन का बंगाल कनेक्शन!

कोलकाता

सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच अनबन का अब बंगाल कनेक्शन सामने आया है। 25 हजार करोड़ के चिटफंड घोटाल में अस्थाना ने जांच में कथित तौर पर सहयोग नहीं करने के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर दबाव बनाया था। इसको लेकर वर्मा और अस्थाना के बीच अनबन हुई थी। वर्मा ने अस्थाना से इस प्रकरण पर सवाल-जवाब किया था। सूत्रों के अनुसार दोनों बड़े अफसरों में अनबन की यह एक बड़ी वजह हो सकती है। अस्थाना की निगरानी में हो रही जांच के तहत पिछले साल राजीव कुमार को तीन समन भेजा गया था, हालांकि राजीव कुमार हाजिर नहीं हुए थे। पिछले साल अक्टूबर महीने में राजीव कुमार ने पहले समन का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि वह मेल किए गए सवालों का जवाब देने या इस पर किसी भी बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हैं। सीबीआई चाहती थी कि वह जांच के लिए खुद उपस्थित हों, कारण नोटिस सेक्शन 160 के तहत भेजा गया था। एक हफ्ते में ही दूसरा समन भेजा गया था। इस पर राजीव कुमार ने चार साल पुरानी जांच पर राजनीतिक प्रभाव का आरोप लगाते हुए सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा था। राजीव कुमार पत्र में लिखा था कि अगर सीबीआई ऐसे नोटिस देती रही तो भानुमती के पिटारे को खोल दिया जाएगा। सात महीने के बाद फिर राजीव कुमार तथा तीन दूसरे अफसरों को नोटिस भेजा गया। इसके बाद वर्मा विचलित हो गए थे, क्योंकि यह सब अस्थाना के कोलकाता जाने के बाद हुआ था। अगस्त महीने में अस्थाना ने खुद वर्मा के खिलाफ कैबिनेट सेक्रेटरी से लिखित शिकायत की भी थी। सूत्रों के अनुसार राजीव कुमार सीबीआई को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर चुके थे। कुमार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से गठित चिटफंड मामले की जांच का नेतृत्व किया था। मामले को लेने के बाद सीबीआई ने आशंका जाहिर की थी कि जांच के दौरान महत्वपूर्ण साक्ष्यों से छेड़छाड़ हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की स्थानीय यूनिट की एक रिपोर्ट वर्मा की डेस्क पर करीब 5 महीने तक रोकी गई थी। सीबीआई जांच के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इस वजह से जांच रुक गई थी। कोलकाता सीबीआई टीम की ओर से भेजी गई संवेदनशील रिपोर्ट पर पिछले पांच महीनों में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट में कई प्रत्यक्ष साक्ष्य और संदिग्ध दस्तावेज मौजूद थे, जिससे कई आरोपी नेताओं तक पहुंचा जा सकता था। फिलहाल सारधा और रोजवैली मामलों में सीबीआई 81 और ईडी करीब 12 चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मामले में कुल 179 आरोपियों में से करीब 30 गिरफ्तार किए गए और उन्हें दोषी ठहराया गया है।
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