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दूसरों से एक कदम आगे बढऩा ही चुनौती – डॉ. अनुराधा लोहिया

locationकोलकाताPublished: Jan 25, 2020 06:07:56 pm

Submitted by:

Renu Singh

– प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति 203वें स्थापना दिवस पर बोली
– विशिष्ट अतिथि ने किया हस्ताक्षर अभियान में एनआरसी का विरोध

दूसरों से एक कदम आगे बढऩा ही चुनौती - डॉ. अनुराधा लोहिया

दूसरों से एक कदम आगे बढऩा ही चुनौती – डॉ. अनुराधा लोहिया

कोलकाता
दूसरों से एक कदम आगे रहना ही प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की चुनौती है। 203 साल पुराने शिक्षण संस्थान के सामने एक यही बड़ी चुनौती है। प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के 203वें स्थापना समारोह में कुलपति डॉ. अनुराधा लोहिया ने यह बात कही। डॉ. लोहिया ने क हा कि जब प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी, तब देश में उच्च शिक्षा में ऐसा कोई संस्थान नहीं था। तब इतना बड़ा संस्थान भी एक चुनौती था। यह गौरवशाली इतिहास बनाने में बहुत सारे लोगों का अनुभव, कड़ी मेहनत और कटिबद्धता है। यह सर्वश्रेष्ठ संस्थान हमेशा सर्वश्रेष्ठ रहना चाहिए। मालूम हो कि प्रेसिडेंसी कॉलेज (हिन्दू कॉलेज) की स्थापना 1817 में हुई थी और 2010 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। विशिष्ट अतिथि नाट्यकर्मी विभाष चक्रवर्ती ने कहा कि प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय स्वतंत्र और उदार सोच को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इस अवसर पर प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा कवि-उपन्यासकार नवनीता देवसेन को भी श्रद्धांजलि दी गई।
सीएए व एनआरसी विरोधी में किया हस्ताक्षर

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के दौरान परिसर में वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से सीएए व एनआरसी विरोधी हस्ताक्षर अभियान में सोमवार को विश्ष्टिजनों ने हस्ताक्षर किया। पूर्व छात्र व नाट्यकर्मी विभाष चक्रवर्ती और पूर्व ब्यूरोक्रेट प्रसाद रंजन राय ने भी हस्ताक्षर किए। विभाष चक्रवर्ती ने कहा कि हम सीएए व एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। इसके पहले हम रंगकर्मी व एनआरसी के खिलाफ पहले ही रैली निकाल चुके हैं। एक बड़े सफेद बोर्ड पर विरोध के सभी हस्ताक्षर किए गए।
अभिजीत बनर्जी को सम्मानित करेगा प्रेसिडेंसी
एल्युमनी एसोसिएशन के सदस्य व नाट्यकर्मी बिभाष चक्रवर्ती ने कहा कि पूर्व छात्र व नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी जल्द ही सम्मानित किया जाएगा। बनर्जी को अतुल चंद्र गुप्ता मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित करेगा। हालांकि अभी तिथि तय नहीं हो पाई है। 28 जनवरी के बाद जब भी वे कोलकाता लौटेंगे तो कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
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