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रवीन्द्र सरोवर में छठव्रतियों ने की छठपूजा

locationकोलकाताPublished: Nov 13, 2018 09:27:15 pm

– बिफरे पर्यावरणविद्- पुलिस की भूमिक की निंदा की
– दी अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी

Kolkata West Bengal

रवीन्द्र सरोवर में छठव्रतियों ने की छठपूजा

कोलकाता.

दक्षिण कोलकाता के रवींद्र सरोवर में लोगों ने सोमवार को पूरी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ छठ पूजा की। ग्रीन ट्रिब्यूनल की मनाही के बावजूद सरोवर में छठपूजा के आयोजन पर पर्यावरणविद् सुभाष दत्त विफर पड़े। उन्होंने कोलकाता पुलिस की भूमिका की निंदा करते हुए इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2016 में 73 एकड़ क्षेत्रफल में फैले जलाशय को प्रदूषण से बचाने के लिए वहां छठपूजा के आयोजन पर पाबंदी लगा दी थी। पिछले साल छठपूजा के समय इसको लेकर हंगामा हुआ था। लोगों की आस्था का ख्याल करते हुए ट्रिब्यूनल ने अंतिम बार सशर्त पूजा की अनुमति दी थी। कोलकाता पुलिस, कोलकाता नगर निगम, केएमडीए सभी को ट्रिब्यूनल की ओर से नोटिस भेजा गया था। लेकिन, इस साल भी लोगों ने रवीन्द्र सरोवर के किनारे छठ पूजा की। पुलिस की मौजूदगी में बड़ी संख्या में छठव्रती रवीन्द्र सरोवर परिसर में प्रवेश किए एवं परम्परागत ढंग से सूर्य देव की अराधना की। आस्था की भीड़ से रवीन्द्र सरोवर परिसर में मेला की तरह का माहौल था।
रवीन्द्र सरोवर को प्रदूषण से बचाने के लिए लम्बे समय से अदालती लड़ाई लडऩे वाले पर्यावरणविद् सुभाष दत्त ने कहा पुलिस की आंखों के सामने ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की धज्जियां उड़ाई गई। ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के पालन के लिए पुलिस, कोलकाता नगर निगम, केएमडीए किसी की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। वे इस आयोजन के खिलाफ फिर ग्रीन ट्रिब्यूनल में अवमानना का मामला करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और जुर्माना की अपील करेंगे। राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुभाष दत्त ने कहा कि वोट बैंक की खातिर रवीन्द्र सरोवर को प्रदूषित किया जा रहा है। अदालत के आदेश की अवमानना की जा रही है। पर्यावरणविद् सुमिता बंद्योपाध्याय ने भी पुलिस की भूमिका की निंदा की। उन्होंने भी अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होंने कहा कि राज्य में कही कानून-व्यवस्था है ही नहीं तो तोडऩे की बात कहां से आती है। जहां कानून रहता है। वहां कानून तोड़ा जाता है। पश्चिम बंगाल में कहीं कानून है ही नहीं।
मेयर शोभन चटर्जी और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम से सम्पर्क करने पर उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। कोलकाता पुलिस की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। हालांकि रविवार को कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) सुप्रतीम सरकार ने कहा था अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कानून के अनुसार कारवाई की जाएगी।
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