गौरतलब है कि गत गुरुवार को नजरूल ंमंच में सरकारी कर्मचारियों के संगठन की सभा में मुख्यमंत्री ने महंगाई भत्ते के प्रसंग में कुछ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य पर भारी आर्थिक संकट होने पर भी महंगाई भत्ता बढ़ाई जा रहा है।
मगर एक बात बताना चाहती हूँ कि इस मुद्दे पर भौं-भौं (कुत्ते की आवाज के साथ तुलना)करने से कोई लाभ नहीं। मैं इसे महत्व नहीं देती। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार भी चाहती है कि कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिले। इसी दौरान उन्होंने आगामी 1 जनवरी से 15 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की घोषणा की थी। मालूम हो कि विभिन्न क्षेत्रों से महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की मांग लंबे समय से होती रही है। इस मुद्दे पर इंटक समॢथत राज्य सरकारी कर्मचारी संगठन ने हाईकोर्ट में मुकदमा भी दायर किया है। जिसपर सुनवाई चल रही है। सोमवार को सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने मुख्यमंत्री के आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल का प्रसंग उठाते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
बंगाल केमिकल की बिक्री अभी संभव नहीं
बंगाल केमिकल की बिक्री इस वर्ष संभव नहीं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल केमिकल की बिक्री पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक रोक लगा दी है। इससे पहले यह रोक 22 सितंबर तक लगी थी। सोमवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक ने स्थगनादेश की मियाद बढ़ाकर इस दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कर दी।
केन्द्रीय पेट्रोलियम व रसायन मंत्रालय के अंडर सेके्रटरी ने बंगाल केमिकल की बिक्री के संबंध दायर हलफनाम में जो कारण दर्शाये हैं हाईकोर्ट उससे संतुष्ट नहीं है। न्यायाधीश बसाक ने अपना असंतोष प्रकट करते हुए बंगाल केमिकल जैसी लाभकारी संस्था की बिक्री के फैसले पर सवाल उठाया। मंगलवार को भी इस मुद्दे पर सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट केन्द्र सरकार से बिक्री के संबंध में विस्तृत विवरण मंगा सकती है। गौरतलब है कि बंगाल केमिकल की बिक्री के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसपर सुनवाई के दौरान अदालत ने पहले 22 सितंबर तक स्थगनादेश जारी किया था। सोमवार को स्थगनादेश की मियाद बढ़ा दी गई।