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अशोकनगर के नर्सिंगहोम में शिशु तस्करी का भंडाफोड़

locationकोलकाताPublished: Dec 17, 2018 03:00:21 pm

Submitted by:

Renu Singh

-चिकित्सक समेत 5 गिरफ्तार-60 हजार में नि:संतान दंपती को बेचे थे नवजात
-नर्सिंगहोम व क्लीनिक खोलकर चलाता था फर्जीवाड़ा

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अशोकनगर के नर्सिंगहोम में शिशु तस्करी का भंडाफोड़

बादुडिय़ा में शिशु तस्करी के बाद अब उत्तर 24 परगना के अशोकनगर में शिशु तस्करी का भंडाफोड़ करते हुए शुक्रवार रात को अशोकनगर थाने की पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया। तस्करी के सबसे पहले आरोपी के तौर पर दीपा चंद बनिक व गौतम चंद बनिक सहित कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आशोकनगर में स्थित बनानी नर्सिंगहोम से शिशु तस्करी का धंधा चलता था। अशोकनगर थाने की पुलिस के अनुसार, 10 दिन पहले बनानी नर्सिंगहोम से दीपा व गौतम ने 60 हजार रुपए में एक बच्चा खरीदा था। शुक्रवार शाम को अचानक बच्चे की तबीयत खराब हो गई। दीपा बच्चे के लेकर स्थानीय अस्पताल पहुंची व वहां डॉक्टरों को दिखाया। तब डॉक्टर ने उस बच्चे के जन्म से संबंधी द्वाओं का पे्रस्क्रिप्शन मांगा। दीपा खुद को बच्चे की मां बता रही थी, पर उसकी बातों में असंगति देखकर डॉक्टर को संदेह हुआ। डॉक्टर ने प्रबंधन व अशोकनगर थाने को बताया। उसके बाद वहां अशोकनगर थाने की पुलिस पहुंची, तो दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बनानी नर्सिंगहोम से इस बच्चे को 60 हजार रुपए में खरीदा है। दोनों की पूछताछ के बाद पुलिस ने बनानी नर्सिंग होम के चिकित्सक डॉ. मनोज विश्वास को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही और २ लोगों को गिरफ्तार किया गया।
नर्सिंगहोम व क्लीनिक खोलकर चलता था फर्जीवाड़ा

अशोकनगर थाने की पुलिस के सूत्रों ने बताया कि डॉ. मनोज ही शिशु तस्करी का मूल आरोपी है। बनानी नर्सिंगहोम के नीचे ही मनोज एक क्लीनिक चलाता था। महिला व बाल विशेषज्ञ इस क्लीनिक में हर दिन लोगों की अच्छी खासी भीड़ होती थी। नि:संतान दंपती मनोज का पहला लक्ष्य होते थे। इसके साथ ही वह गर्भपात कराने का भी काम करता था। पूरे इलाके में मनोज एक शिशु व महिला विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में जाना जाता था। इसके साथ ही क्लीनिक के नीचे एक चाय की दुकान चलाने वाले दो लोगों को वह इस काम में इस्तेमाल करता था। क्लीनिक में आने-जाने वाले लोगों को चाय दुकान के दंपती बातचीत करते व उनके बारे में सब जान लेते। उसके बाद जो पैसे देने के लायक होता उसे सलाह भी देते कि वे चाहें तो फिर उनकी गोद भर सकती है। इतना सुनते ही लोग झांसे में पड़ जाते थे। ऐसे ही झांसे में आकर दीपा ने बच्चा खरीदा था।
सालों से चल रहा शिशु तस्करी का धंधा

शुक्रवार को मामले के खुलासे के बाद अशोकनगर थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि बनानी नर्सिंगहोम में यह धंधा लम्बे समय से चल रहा है। पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि मनोज को लोग अच्छे चिकित्सक के रूप में जानते हैं। नर्सिंगहोम के पीछे क्या चल रहा किसी को कानों कान इसकी कोई खबर नहीं थी। कभी कोई भी ऐसी घटना नहीं हुई जिससे किसी को शिशु तस्करी को लेकर कोई शक हुआ हो। इधर मनोज अपना धंधा चलाता रहा।
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