पाए गए जीवाणु स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडीसिन व नाइशेड की ओर से डायरिया पीडि़तों के स्टूल की जांच में डायरिया व कॉलेरा के जीवाणु पाए गए हैं। गुरुवार को नाइशेड की ओर से बेलियाघाटा आईडी अस्पताल में इस आशय की रिपोर्ट भी भेजी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाघाजतिन अस्पताल के मरीजों के स्टूल के नमूनों में कॉलीफॉर्म जीवाणु पाया गया है।
प्रमाणित नहीं होता कि जल में जीवाणु-मेयर मेयर शोभन चटर्जी ने रिपोर्ट पर कहा कि ट्रॉपिकल मेडीसिन विभाग व नाइशेड की जांच से यह प्रमाणित नहीं होता कि निगम के जल में जीवाणु हैं। निगम ने प्रभावित इलाकों में 154 स्थानों से जल के नमूने इक_े किए हैं। उनमें से किसी में भी किसी तरह के जीवाणु नहीं पाए गए हैं।
बोतल बंद पानी संक्रमित मेयर शोभन चटर्जी ने बोतल बंद पानी के संक्रमित होने की आशंका जताई है। मेयर ने बताया कि जल परीक्षण के दौरान वार्ड नम्बर 102व 107 के कुल पांच पीडि़त परिवारों के घरों में संक्रमित पानी पाया गया है लेकिन उसमें से एक के घर भी निगम के सप्लाई पानी का इस्तेमाल नहीं होता है।
मेयर के अनुसार 5 में से तीन घरों में बोतल बंद पानी में संक्रमण पाया गया। वहीं एक घर में ट्यूबवेल के पानी में और दूसरे घर के चौबाच्चा में संक्रमित पानी पाया गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि बोतल बंद पानी बीमारी के फैलने की वजह हो सकती है।
निगम की टीम ने इकट्ठे किए नमूने इधर, शुक्रवार को निगम की टीम ने प्रभावित इलाके में बोतल बंद पेयजल का नमूना इकट्ठा किया। उन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। जल व्यवसाय में लगी कंपनियों की भी जांच होगी। यह पता लगाया जा रहा है कि बोतलबंद जल व्यवसाय में लगी कंपनियां तय गुणवत्ता के मानक पूरी कर रही हैं या नहीं।