scriptभारत के बिजली उत्पादन केंद्रों के लिए यह है खुशखबरी… | Coal India to overcome demad and supply gap of Coal soon | Patrika News

भारत के बिजली उत्पादन केंद्रों के लिए यह है खुशखबरी…

locationकोलकाताPublished: Aug 23, 2019 09:43:42 pm

Submitted by:

Prabhat Kumar Gupta

विश्व के विकसित देशों के मुकाबले भारत में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत काफी कम है। बिजली उत्पादन का मुख्य श्रोत कोयला है। देश के बिजली उत्पादन केंद्रों में 80 फीसदी कोयले की सप्लाई कोल इंडिया ही करती है। कोयले की मांग और आपूर्ति के बीच की कमी हमारी चुनौती है।

भारत के बिजली उत्पादन केंद्रों के लिए यह है खुशखबरी...

भारत के बिजली उत्पादन केंद्रों के लिए यह है खुशखबरी…

– शीघ्र दूर होगी कोयले की मांग और आपूर्ति की कमी
– कोल इंडिया के चेयरमैन ने किया दावा
कोलकाता.
विश्व के विकसित देशों के मुकाबले भारत में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत काफी कम है। बिजली उत्पादन का मुख्य श्रोत कोयला है। देश के बिजली उत्पादन केंद्रों में 80 फीसदी कोयले की सप्लाई कोल इंडिया ही करती है। कोयले की मांग और आपूर्ति के बीच की कमी हमारी चुनौती है। पिछले साल केंद्र सरकार ने 235 मिलियन टन कोयले का आयात किया गया था। कोयले की कमी को देखते हुए कोल इंडिया हर साल करीब 50 से 55 मिलियन टन कोयले का अधिक उत्पादन कर रहा है। यह बात कोल इंडिया के चेयरमैन अनिल कुमार झा ने कही। कोलकाता में आगामी ६ नवम्बर से होने वाले आठवें एशियन माइङ्क्षनग कांग्रेस एंड एक्जीविशन को लेकर शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए झा ने कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतों में नरमी के बावजूद कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष में बेहतर प्रदर्शन को लेकर आशान्वित है।
अंतराष्ट्रीय कीमतों से 40 फीसदी कम-
झा ने कहा कि औसत अंतराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमत कुछ ही महीनों में 75 डॉलर प्रति टन से घटकर 48 डॉलर हो गई है। जनवरी-मार्च 2019 में औसत प्राप्ति 2754 रुपए प्रति टन थी। जून 2019 को समाप्त पहली तिमाही में कोल इंडिया के लिए ई-नीलामी मूल्य प्राप्ति 2155 रुपए प्रति टन रही। जो करीब 600 रुपए प्रति टन कम हो गया। कोल इंडिया के चेयरमैन झा ने बताया कि हमारी कीमतें अभी भी अंतराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले 40 फीसदी कम हैं। उनके अनुसार 2018-19 में कोल इंडिया ने 17462.18 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था। जबकि 2017-18 में 7038.44 करोड़ रुपए ही था।
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