भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देश के बावजूद राष्ट्रीयकृत बैंकों के जमा लेने से इनकार करने से आम लोगों और छोटे व्यवसायियों के पास सिक्कों की भरमार हो गई है। इस भारी परेशानी से निजात दिलाने के लिए कंचन रूईदास नामक व्यक्ति ने जनहित याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। याचिकाकर्ता ने आरबीआई को पार्टी बनाया, बैंकों को नहीं।
हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपब्रत चक्रवर्ती की खण्डपीठ ने शुक्रवार को जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आरबीआई के वकील का पक्ष सुना। आरबी आई के वकील ने कोर्ट को बताया कि आर बी आई ने सभी सरकारी बैंकों को सिक्कों जमा लेने का निर्देश दिया है और वे निर्दे श का पाल न भी कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोई भी बैंक सिक्कों जमा नहीं ले रहा है।
इस पर मुख्य न्यायाधीश की खण्ड पीठ ने कहा कि पहले सिक्का जमा नहीं लेने वाले बैंकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट किसको निर्देश देगा। इस लिए सिक्का जमा नहीं लेने वाले बैंकों के खिलाफ मामला दर्ज करें फिर कोर्ट आएं। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद परेशान व्यवसायी और लोग सिक्के जमा नहीं लेने वाले बैंकों के खिलाफ मामला दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट के निर्देश से सिक्कों को लेकर जारी परेशानी के दूर होने के आसार बढ़ गए हैं।