लोकतंत्र की समाधि बनाने की साजिश -सोमनाथ
चुनाव युद्ध नहीं है, बल्कि नीतियों का युद्ध है, लेकिन सभी ने देखा कि गलत नीतियों के कारण पंचायत चुनाव के दौरान 23 लोगों की मौत हो गई।

लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार हो रहा हनन, राज्य सरकार निष्क्रिय
कोलकाता
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के बाद पंचायत चुनाव में हुई भारी हिंसा को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने बुधवार को ममता बनर्जी सरकार की ओर से लोकतंत्र की हत्या करने और साजिश करार दिया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर चुनाव व्यवस्था को ध्वस्त करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने इसके खिलाफ लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया।
सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि चुनाव युद्ध नहीं है, बल्कि नीतियों का युद्ध है, लेकिन सभी ने देखा कि गलत नीतियों के कारण पंचायत चुनाव के दौरान 23 लोगों की मौत हो गई। लोकतंत्र को मजबूत करने के बजाए बंगाल में उसे दुर्बल करने कोशिश की गई है। यह सब सोची समझी साजिश के तहत बंगाल में लोकतंत्र की समाधि बनाने के लिए किया गया। वे कोलकाता स्थित अपने आवास पर पंचायत चुनाव हिंसा के विरोध में बुद्धिजीवियों के जमावड़े के दौरान बोल रहे थे। इस मौके पर रंगकर्मी रुद्र प्रसाद सेनगुप्ता, बांग्ला साहित्यकार कौशिक सेन सहित अन्य उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान लोगों का व्यक्तिगत न्यूनतम लोकतांत्रिक अधिकारों का खुलेआम हनन किया गया और राज्य सरकार और पुलिस निष्क्रिय रही। बुधवार को 572 बूथों पर दोबारा मतदान के दौरान भी हिंसा हुई और प्रशासन चुप रहा। जिस बंगाल की संस्कृति पर सभी गर्व करते हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सवाल उठाना पड़ा।
चुनावी व्यवस्था को ध्वस्त करने की कोशिश
उन्होंने कहा कि चुनाव के नाम पर लोकतांत्रिक तरीके से होने वाली पूरी चुनावी व्यवस्था को ध्वस्त करने की कोशिश की जा रही है। इस पर विराम लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए समाज के हर वर्ग को एकजुट होना होगा और इसका डट कर मुकाबला करना होगा। इस मौके पर रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता ने ऐसी घटनाओं के लिए जनता को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर प्रहार करने वालों को बढ़ावा देने के लिए आम जनता ही जिम्मेदार है। हमारे सचेत नहीं होने का ऐसी शक्तियां फायदा उठाती हैं। इन्हें रोकने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोगों को और जागरूक करना होगा।
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