राज्यपाल ने दोनों योजनाओं की तुलना करते हुए कहा कि कन्याश्री सीमित आर्थिक मदद करने वाली योजना है, लेकिन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का महत्व इससे बहुत अधिक है। इसकाव्यापक उद्देश्य है। नाम के अनुसार इसका उद्देश्य बेटियों को बचाना और उन्हें पढ़ा कर बड़ा करना है। उन्हें समाज और देश के विकास में अवदान करने के लिए तैयार करना है। इसलिए यह योजना कन्याश्री योजना से बड़ी है।
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क्या है ममता का दावा
इसके उलट मुख्यमंत्री राज्य सरकार की कन्याश्री योजना को बड़ी और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को छोटी योजना आंकती रही हैं। वे अक्सर जनसभाओं में दावा कर रही हैं कि उन्होंने केन्द्र से पहले कन्याश्री योजना शुरू की। योजना को वैश्विक मंचों पर सम्मानित किया गया है। छात्राओं को अनुदान बढ़ा रहे हैं, लेकिन केन्द्र ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत लड़कियों को दिया जाने वाले अनुदान की धनराशि घटा दी है।
इसके उलट मुख्यमंत्री राज्य सरकार की कन्याश्री योजना को बड़ी और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को छोटी योजना आंकती रही हैं। वे अक्सर जनसभाओं में दावा कर रही हैं कि उन्होंने केन्द्र से पहले कन्याश्री योजना शुरू की। योजना को वैश्विक मंचों पर सम्मानित किया गया है। छात्राओं को अनुदान बढ़ा रहे हैं, लेकिन केन्द्र ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत लड़कियों को दिया जाने वाले अनुदान की धनराशि घटा दी है।
– – राज्यपाल का पद खतरे में लगता-फिरहाद
राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लगता है कि राज्यपाल का पद खतरे में है। त्रिपाठी इसे बचाने लिए मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं। अगर वे राज्य की कन्याश्री की प्रशंसा करते और दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुला कर इसे सभी राज्यों में लागू करने को कहते तो उनका सम्मान बढ़ता। उन्होंने कहा कि कन्याश्री को विश्व भर में प्रसिद्धि मिली है। इसमें लड़कियों को पढऩे के लिए अनुदान दिया जाता है और केन्द्र की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मात्र प्रचार है। इसमें अधिक अनुदान भी नहीं है।
राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लगता है कि राज्यपाल का पद खतरे में है। त्रिपाठी इसे बचाने लिए मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं। अगर वे राज्य की कन्याश्री की प्रशंसा करते और दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुला कर इसे सभी राज्यों में लागू करने को कहते तो उनका सम्मान बढ़ता। उन्होंने कहा कि कन्याश्री को विश्व भर में प्रसिद्धि मिली है। इसमें लड़कियों को पढऩे के लिए अनुदान दिया जाता है और केन्द्र की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मात्र प्रचार है। इसमें अधिक अनुदान भी नहीं है।
(कार्यालय संवाददाता)