कार्यालय जाने से पहले नियमित तौर पर रसगुल्ले खाने वाली बोनू सरकार कहती हैं अभी भी रोजाना वे फ्रिज खोलकर देखती हैं कि शायद सेंटा क्लॉज उनके फ्रिज में रसगुल्ले रख जाएं। राज्य भर की मिठाई दुकानें बंद
दरअसल कोरोना संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन केकारण पूरे राज्य की मिठाई दुकानें बंद हैं। इसलिए मिठाई प्रिय बांग्ला भद्र लोक इस स्वाद से वंचित हो रहा है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि मिठाई बनाने में काम आने वाला दूध बेकार हो रहा है। ग्वाले व दुग्ध उत्पादकों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो रही है। रोजाना हजारों लीटर दूध नालियों में बहाया जा रहा है।
दरअसल कोरोना संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन केकारण पूरे राज्य की मिठाई दुकानें बंद हैं। इसलिए मिठाई प्रिय बांग्ला भद्र लोक इस स्वाद से वंचित हो रहा है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि मिठाई बनाने में काम आने वाला दूध बेकार हो रहा है। ग्वाले व दुग्ध उत्पादकों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो रही है। रोजाना हजारों लीटर दूध नालियों में बहाया जा रहा है।
हो रहा बड़ा नुकसान जोड़ासांको दुग्ध व्यवसायी समिति के अध्यक्ष राकेश सिन्हा के मुताबिक मिठाई की दुकानें ताजे दूध के उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत इस्तेमाल करती हैं। लॉकडाउन में मिठाई दुकानें बंद हैं । दुग्ध उत्पादक किसे दूध बेचेंगे। इसलिए दुग्ध उत्पादक दूध बहाने के लिए मजूबर हो रहे हैं। करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
राज्य के पशुपालन मंत्री स्वपन देवनाथ के मुताबिक सरकारी डेयरियां अतिरिक्त दूध खरीदने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि वे यकायक अपनी क्षमता नहीं बढ़ा सकती हैं। दुग्ध उत्पादकों से कहा जा रहा है कि वे दूध नष्ट न कर पनीर बना लेें जिन्हें खरीद लिया जाएगा।
राज्य के पशुपालन मंत्री स्वपन देवनाथ के मुताबिक सरकारी डेयरियां अतिरिक्त दूध खरीदने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि वे यकायक अपनी क्षमता नहीं बढ़ा सकती हैं। दुग्ध उत्पादकों से कहा जा रहा है कि वे दूध नष्ट न कर पनीर बना लेें जिन्हें खरीद लिया जाएगा।