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देशव्यापी हड़ताल का बंगाल में दिखा असर

locationकोलकाताPublished: Nov 27, 2020 07:38:43 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

– आंदोलन: जगह-जगह पुलिस और आंदोलनकारियों में टकराव- सड़कें जाम की, लोकल ट्रेनों पर पत्थर फेंके, बैठे रेल पटरी पर

देशव्यापी हड़ताल का बंगाल में दिखा असर

देशव्यापी हड़ताल का बंगाल में दिखा असर

कोलकाता. केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठनों की हड़ताल का कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल में गुरुवार को असर देखने को मिला। राज्य में जगह-जगह पुलिस और आंदोलनकारियों में टकराव हुआ। आंदोलनकारियों ने सड़कें जाम की, टायर जलाए, यातायात बाधित कर दिया। उत्तर और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्सों में लोकल ट्रेनों पर पत्थर फेंके गए। कई जगहों पर बंद समर्थक रेलवे पटरी पर ही बैठ गए थे जिसकी वजह से रेल सेवा बाधित हुई। राज्य के कुछ हिस्सों में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ।
महानगर, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया बांकुड़ा, सिलीगुडी सहित अधिकांश क्षेत्रों में माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक साथ रैली निकाली। अधिकतर क्षेत्रों में बाजार और दुकानें बंद रही। कोलकाता में सरकारी बसें चली जरूर, लेकिन यात्री कम थे। कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट, धर्मतल्ला, सियालदह आदि इलाके में बड़ी संख्या में युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। धर्मतल्ला में टायर जलाकर सड़क अवरुद्ध किया गया है। सुभाष ग्राम, इच्छापुर, बारासात, डायमंड हार्बर और बैरकपुर में रेलवे पटरी पर बैठकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसकी वजह से रेल सेवा प्रभावित हुई। चंदननगर, श्रीरामपुर में भी बंद समर्थकों ने ट्रेन रोकी।
रैलियां निकाली, दिया धरना
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हड़ताल समर्थक सीआईटीयू और डीवाईएफआई जैसे माकपा से संबद्ध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रैलियां निकालीं, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई। समर्थकों ने दुकानदारों से अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखने को कहा। समर्थकों ने हावड़ा रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया, वाहन चालकों से सेवाएं बंद करने को कहा। वाहनों को सामान्य रूप से चलाने के लिए पुलिस बल की बड़ी टुकड़ी तैनात की गई।
टायर जला, बसों की खिड़कियां तोड़ी
पुलिस अधिकारी ने कहा कि बंद लागू करने वालों ने कूचबिहार और झाडग़्राम जिलों में सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया, टायर जलाए और बसों की खिड़कियां तोड़ दी। उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों को भी बाधित कर दिया था जिससे सियालदह दक्षिण और मुख्य खंडों में रेल सेवाएं प्रभावित हुईं। हावड़ा में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक कार्यकर्ता ने कहा कि लोग हमारे शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि यह उनके हित में है।
किसने और क्यों बुलाई थी हड़ताल
केंद्रीय श्रम और कृषि कानून को रद्द करने, महंगाई समेत सात सूत्री मांगों को लेकर केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल बुलाई थी। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी) और स्वरोजगार महिला संघ (सेवा) जैसे व्यापार संघ ने हड़ताल में हिस्सा लिया। भाजपा के गठबंधन वाला भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) हड़ताल से दूर रहा। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया लेकिन कहा कि पार्टी आर्थिक मुद्दों पर वामदलों और कांग्रेस के साथ है।

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