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जैसे सरकारी अस्पताल के जन, वैसे ही निकले परिजन, कर दी पराई महिला की अत्येंष्टि, बाद में हुआ हंगामा

locationकोलकाताPublished: Apr 07, 2020 11:27:47 pm

Submitted by:

Krishna Das Parth

अस्पताल प्रबंधन को मांगनी पड़ी माफी-कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में घटी घटना

जैसे सरकारी अस्पताल के जन, वैसे ही निकले परिजन, कर दी पराई महिला की अत्येंष्टि, बाद में हुआ हंगामा

जैसे सरकारी अस्पताल के जन, वैसे ही निकले परिजन, कर दी पराई महिला की अत्येंष्टि, बाद में हुआ हंगामा

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में घटी लापरवाही की घटना सबको अचंभित कर रही है। अस्पताल के लोगों ने तो लापरवाही दिखाई ही, उससे भी बढ़कर लापरवाह परिजन निकले। बिना देखे, अस्पताल से शव लिए और ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिए। हंगामा खड़ा होने पर सच्चाई सामने आया। हुआ यह कि सोमवार रात नीलरतन सरकार अस्पताल में 2 महिलाओं की मौत हो गई। दोनों के शव की अदला-बदली होने पर हंगामा खड़ा हो गया। बाद में रोगी कल्याण समिति के हस्तक्षेप से मामले का निपटारा हुआ।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि सोमवार को अस्पताल में मौसमी बसु और विमला राय नाम की दो प्रौढ़ महिलाओं की मृत्यु हुई थी। दोनों की ही चिकित्सा मेडिसिन विभाग में चल रही थी। इनमें एक बेलियाघाटा की और दूसरी नरकेलडांगा की रहने वाली थी। हालांकि दोनों की मौत सामान्य थी। कोरोना का संक्रमण नहीं था। मृत्यु की खबर मिलने के बाद शाम 4 बजे विमला राय के परिजन शव को लेने के लिए अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें मौसमी देवी का शव दे दिया गया। विमला देवी के परिजन मौसमी देवी के शव लेकर चले गए। यह सवाल उठता है कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से शव की शिनाख्त किसने की थी ? प्रबंधन का कहना है कि परिजनों में से ही एक जने ने मौसमी देवी के शव को विमला राय का शव बताया था। इसके बाद वे उसे लेकर चले गए। इधर मौसमी देवी के परिजन विमला का शव का संस्कार करने के लिए नीमतल्ला घाट पहुंचे और विधि – विधान के संग अंतिम संस्कार कर दिया। इस दिन शाम को जब मौसमी देवी के परिजन शव लेने आए तब उन्होंने देखा कि यह शव मौसमी का नहीं है। तब अस्पताल में हंगामा मच गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ऐसी गलती कैसे कर सकता है। परिजनों का आरोप है कि जब शव दिए जा रहे थे तो क्या दस्तावेज नहीं देखे गए? हंगामा शुरू होते ही तुरंत ही विमला देवी के परिजनों को वापस अस्पताल में बुलाया गया। पहले तो उन्होंने अस्वीकार कर दिया कि यह बात बिल्कुल गलत है। बाद में 1 घंटे बाद उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने मौसमी देवी का शव जलाया है। घटना की खबर पाकर रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन शांतनु सेन ने लोगों को और दोनों पक्षों की गलतियां बताते हुए उनके मामले का निपटारा किया। उन्होंने कहा कि कोशिश करेंगे कि दोनों के परिजनों को उनके परिजनों का मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाए। सोमवार रात को विमला देवी का भी अंतिम संस्कार किया गया। रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन ने कहा कि दोनों के परिजनों की गलती के कारण शवों की अदला-बदली हुई थी और प्रबंधन ने दोनों पक्षों से बात कर मामले का निपटारा कर दिया है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले दुर्गापुर में भी ऐसे ही घटना घटी थी। अस्पताल की गलती के कारण शवों की अदला बदली हो गई थी। इसमें से एक का अंतिम संस्कार भी हो गया था।

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