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सरकार पर संकट की आहट: ममता तय करेंगी भावी रणनीति

locationकोलकाताPublished: Jun 02, 2019 10:50:24 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

देखना दिलचस्प होगा कौन विधायक रहता है बैठक से दूर

kolkata

सरकार पर संकट की आहट: ममता तय करेंगी भावी रणनीति

कोलकाता.
मोदी की सुनामी में इस बार विपक्ष का मजबूत किला ढह गया है तो कई राज्य सरकारों पर संकट के बादल छाने लगे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले तक बेहद मजबूत नजर आ रही तृणमूल कांग्रेस सरकार भी हिल गई है। रही सही कसर तीन पार्टी विधायकों ने भाजपा का दामन थाम कर पूरी कर दी है। सरकार पर संकट की आहट के बीच तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने हार की समीक्षा तेज कर दी है। इसी कड़ी में उन्होंने राज्य में निराशाजनक प्रदर्शन पर मंथन के लिए पार्टी विधायकों के साथ सोमवार को सचिवालय के समक्ष नवान्न सभाघर में बैठक बुलाई है। चुनाव में हार के कारणों पर जमीनीस्तर तक समीक्षा तथा खोया जनाधार वापस पाने की भावी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा की जाएगी। सुप्रीमो बनर्जी के निर्देश पर पार्टी विधायक दल ने समस्त विधायकों को बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का फरमान जारी कर दिया है। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि कौन विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होता है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि २०१६ के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की झोली में २११ सीटें आई थीं। लोकसभा चुनाव नतीजों के अनुसार राज्य में तृणमूल के कब्जे वाली करीब १२८ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने बढ़त हासिल की है। प्राथमिक स्तर पर यह बात सामने आई है कि २०११ में राज्य की सत्ता में आने के बाद सरकार ग्रामीण विकास तथा ग्रामीण जनता के हितों में कई योजनाओं को लागू कर चुकी है। पार्टी के विधायक सरकार की इन उपलब्धियों को जनता के बीच भुनाने में विफल साबित हुए हैं। यह भी कहा गया है कि स्थानीय विधायक पार्टी और सरकार की योजनाओं का जोरशोर से प्रचार करने के बजाय निजी प्रचार, गुटबाजी और निजी लाभ उठाने को तवज्जो देते रहे। जिसका सीधा असर लोकसभा चुनाव पर पड़ा है। सूत्रों ने बताया कि तृणमूल सुप्रीमो बनर्जी राज्य में भाजपा का जनाधार बढऩे से हलकान हैं। पार्टी कोर कमेटी की बैठक में समीक्षा करने के पश्चात् अब वह अपने विधायकों की जुबानी जमीनी हकीकत जानना चाह रही हैं। विधायकों के अलावा राज्य के समस्त विभागों के मंत्रियों को भी हाजिर रहने को कहा गया है। माना जा रहा है कि हार पर विधायकों की बात सुनने के बाद ममता आगे की रणनीति तय कर सकती हैं।

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