गरिया की श्रीरामपुर निवासी मृतका के पति उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप हिंदू रीति से अंतिम क्रिया करना चाहते थे। शवदाह के कर्मचारी मृतका के नाम में रहमान जुड़े होने से पशोपेश में थे। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरा करने में आपत्ति जाहिर कर रहे थे। विवाद बढऩे की खबर पाकर स्थानीय पार्षद अरुप चक्रवर्ती पहुंचे, उनके हस्तक्षेप के बाद मृतका का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के साथ किया गया।
– प्रेम विवाह के बाद बदला था धर्म, नहीं बदल पाई आस्था
अदिति रहमान ने मुकुलेश्वर रहमान से 1984 में प्रेम विवाह किया था। उन्होंने इस्लाम धर्म कबूल किया था। विवाह के बाद भी उनकी हिंदू धर्म में आस्था बनी रही। उन्होंने अपना अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से कराए जाने की इच्छा प्रकट की थी। जिसका सम्मान करते हुए उनके पति शव लेकर बर्निंग घाट पहुंचे थे।
– गणेश और कृष्ण की भक्ति में लीन रहती थीं
मृतका के पति के मुताबिक उनकी कोई संतान नहीं है। उनकी पत्नी भगवान कृष्ण और गणेश की सेवा अपने बच्चों की तरह किया करती थीं। मृत्यु से पहले उन्होंने उनसे भगवान की सेवा करने को कहा है। उनकी पत्नी उन्हें आराधना की प्रक्रिया भी सिखा कर गई हैं।