शुक्रवार को निगम के मासिक अधिवेशन शुरू होते ही विपक्षी दलों ने विरोध दिखाना शुरू किया। नारदा कांड में लिप्त मेयर शोभन चटर्जी व उपमेयर इकबाल अहमद के पदत्याग की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही वाममोर्चा के पार्षदों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने के लिए पेश किया। लेकिन चेयर
पर्सन माला राय ने उनके प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। वाममोर्चा पार्षद रत्ना राय मजूमदार का कहना है कि सिंगुर को लेकर महानगर में अवैध रूप से होर्डिंग्स लगाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन सब मामलों में शोभन चटर्जी लिप्त हंै। इन मुद्दों पर ही सदन में चर्चा कराना चाहते थे लेकिन उनको अनुमति नहीं दी गई। उनका आरोप है कि निगम में विपक्षी पार्षदों को बोलने का मौका नहीं दिया जाता है। डिजिटल राशन कार्ड वितरित करने में विपक्षी पार्षदों को दरकिनार कर दिया गया है। बोरो ऑफिस की बैठक में स्थानीय पार्षदों को नहीं बुलाया जा रहा है। निगम में मनमाना कार्य हो रहा है।
इधर, मेयर शोभन चटर्जी का कहना है कि मासिक अधिवेशन में जन समस्याओं को लेकर प्रश्न उठाना चाहिए, लेकिन इस बार 144 पार्षदों में से सिर्फ दो प्रश्न आए हैं। निगम के पार्षद जन समस्याओं को लेकर कितने सक्रिय है, इससे ही पता चलता है। इसके अलावा विपक्षी पार्षद जन सेवा को छोड क़र राजनीति से प्रेरित प्रश्न कर राज नीति करना चाहते है। यह उचित नहीं है।