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अस्पताल के काम में लाई जाने वाली बसों को सेनेटाइज करने की मांग

locationकोलकाताPublished: Apr 30, 2020 09:40:45 pm

Submitted by:

Vanita Jharkhandi

अस्पताल के काम में लाई जाने वाली बसों को कीटाणुओं मुक्त करने की मांग कर रहे है।

अस्पताल के काम में लाई जाने वाली बसों को सेनेटाइज करने की मांग

अस्पताल के काम में लाई जाने वाली बसों को सेनेटाइज करने की मांग


कोलकाता
जिन बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्पताल के काम में लाई जाने वाली बसों को कीटाणुओं मुक्त करने की मांग कर रहे है। इस बारे में बस संगठन की ओर से राज्य सरकार को एक पत्र भेजा गया है। सभी बस संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य परिवहन विभाग और राज्य स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया कि वे विभिन्न अस्पतालों के कर्मचारियों के साथ कोलकाता और जिले में सभी बसों को पूरी तरह सेनेटाइज करने की जाए। सूत्रों के अनुसार कोलकाता के विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए पहले 22 बसों का चयन किया गया था। उनमें से 3 को उठा लिया गया था। कुल 19 बसें कोलकाता की सड़कों पर उतारी गई हैं। कोलकाता के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बाकी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ यात्रा करने के लिए हर दिन इस बस का उपयोग किया जा रहा हैं। इन बसों के चालक व कंडक्टरों ने बसों को सेनेटाइज करने की मांग की। बस संगठनों ने कहा कि यह उनके लिए कर पाना सम्भव नहीं है। ऐसे में राज्य परिवहन विभाग से निवेदन किया गया है।
इन सभी बसों के ड्राइवरों और कंडक्टरों की ओर से, बस संगठन से यह सुनिश्चित करने के लिए अपील की जाती है कि बस की नसबंदी या सफाई की जाए। लेकिन कोरोना स्थिति में, निजी बस संगठनों ने सूचित किया कि उनके लिए बस को पवित्र करना संभव नहीं है। सरकार को ऐसा करना होगा।
बस-मिनीबस संगठन के नेताओं में से एक प्रदीप बसु ने कहा कि हमारे सभी कार्यकर्ता कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देख कर डरे हुए हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि बस को संक्रमण से दूर रखा जाए। ऐसा ही बयान बस संगठन के नेता तपन बंदोपाध्याय ने किया था। उन्होंने कहा, “इन बसों का इस्तेमाल सरकारी कामों के लिए किया जा रहा है। इसलिए सरकार को इन बसों को सही तरह से सेनेटाइज करवाए। जिला बस संगठन के नेता राहुल चटर्जी ने कहा कि यह समस्या केवल कोलकाता में नहीं है। हमारे पास जिला अस्पताल में एक से अधिक बसें चल रही हैं। उन बसों को भी हर दिन साफ किया जाना चाहिए।” संगठनों की मांग के बावजूद ऐसा नहीं किया जा रहा है। वे चाहते हैं कि राज्य सरकार ऐसा करे। ऐसा सभी के स्वास्थ के लिए भी आवश्यक है।
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