मिली जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह जब इलाके के तृणमूल समर्थक अपने कार्यालय में पहुंचे तो दरवाजा खुला हुआ था। कार्यालय के अंदर रखा सामान बिखरा और टूटा-फूटा हुआ था। कार्यालय के चारों ओर लगे झंडे हटा दिए गए थे। यह देखकर तृणमूल के स्थानीय समर्थक बिफर गए और रामनगर थाने में जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराई। जबकि स्थानीय भाजपा समर्थकों ने इस आरोप को सिरे से नकारते हुए इसे तृणमूल कांग्रेस की गुटीय कलह बताया है।
भाजपा समर्थकों के अनुसार इलाके में कई ऐसे तृणमूल समर्थक हैं जो भाजपा की ओर झुकाव रख रहे हैं। इसे देखते हुए पार्टी के समर्थकों में ही दरार आ गई है और इस तरह की घटनाएं को अंजाम दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद राजनीतिक हिंसा बढ़ गई है। आए दिन राज्य के विभिन्न जिलों में भाजपा-तृणमूल के समर्थकों के बीच संघर्ष हो रहा है। साथ ही एक-दूसरे के कार्यालयों को हथियाने का क्रम भी जारी है। रामनगर थाने की पुलिस उक्त घटना की जांच कर रही है।