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कोरोना पीडि़तों की जान बचा रहा डेंगू

locationकोलकाताPublished: Aug 11, 2020 06:14:46 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

डेंगू होने से कम हो जाता है प्लेटलेटप्लेटलेट की कमी से नहीं जमता खून में थक्का कोरोना से मृत्यु का बड़ा कारण है थक् के जमना

कोरोना पीडि़तों की जान बचा रहा डेंगू

कोरोना पीडि़तों की जान बचा रहा डेंगू

कोलकाता . महानगर में कोरोना और डेंगू के एक साथ संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। कोरोना के इलाज में डेंगू संक्रमण मददगार साबित होने की बात भी सामने आई है।
कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल में एक अगस्त को कोरोना और डेंगू, दोनों से पीडि़त दिलीप कर्मकार(52) की चिकित्सा को लेकर डॉक्टर पशोपेश में थे, लेकिन डेंगू के कारण ही मुश्किलें आसान होती चली गईं और कर्मकार आसानी से कोरोना से जीत कर घर लौट गये।
कोरोना में जमते हैं रक्त के थक्के
डॉक्टरों के अनुुसार कोरोना के ज्यादातर मामलों में रक्त नलिकाओं में खून के थक्के जमने लगते हैं और कोरोना से मौतें होना का यही सबसे बड़ा कारण होता है। कर्मकार डेंगू से पीडि़त थे। इसलिए उनके खून में प्लेटलेट की मात्रा कम हो गई थी। प्लेटलेट कम होने से खून के थक्केकम जम रहे थे। यही उनके इलाज में कारगर साबित हुआ।
ऐसे ठीक हुआ कोरोना व डेंगू पी़डि़त रोगी
अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति में बहुत समय ‘थ्रंबोसिस’ होता है। लाल रक्त कणिकाओं पर कोरोना वायरस हमला करके ऐसी परिस्थितियां पैदा कर देते हैं कि रक्त नलिकाओं में खून के थक्के जमने शुरू हो जाते हैं। कोरोना के मरीजों के लिए यही सबसे बड़ी समस्या बन जाती है, जो जानलेवा साबित होती है। इसकी वजह से फेफड़े और दिल में विभिन्न तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। इसे टालने के लिए कोरोना के मरीजों को कई बार एंटी क्वागुलेटरी दवाएं दी जाती हैं।
डेंगू पीडि़त होने के कारण दिलीप कर्मकार के मामले में यह तरीका अपनाना संभव नहीं था, लेकिन डेंगू ही उनके लिए वरदान साबित हो गया। मरीज को रक्तचाप की समस्या थी। जिस समय उन्हें भर्ती कराया गया था, उस समय उनका रक्तचाप 60 बाई 40 था। वे नियमित रूप से यूरिक एसिड से संबंधित दवाइयां भी ले रहे थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसलिए क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था।
दोनों के लक्षण एक जैसे
डॉक्टर ने बताया कि डेंगू और कोरोना के बहुत से लक्षण एक जैसे होते हैं इसलिए इलाज में थोड़ी आसानी भी हुई। उनके शरीर में सिर्फ पानी चढ़ाया गया और सामान्य बुखार की दवाइयां दी गईं। इसी से काम हो गया।
गहन अनुसंधान की जरूरत
अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरिंदम विश्वास ने कहा कि कोरोना को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इसलिए इस मामले में भी गहन अनुसंधान की जरूरत है। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, लेकिन उन्हें नियमित रूप से निरीक्षण में रखने की जरूरत है, क्योंकि डेंगू की तुलना में कोरोना वायरस शरीर में अधिक दिनों तक रहता है।
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