अपर एसिस्टेंट 466000
हेड एसिस्टेंट 538000
सेक्शन एसिस्टेंट 577000
कोलकाताPublished: Jun 27, 2022 01:32:06 am
Manoj Singh
West Bengal government-DA कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों में बकाया महंगाई भत्ता (डीए) मिलने को लेकर संश्य बना हुआ है। ममता बनर्जी की सरकार भी इस बारे में सुगबुगा नहीं रही है। सरकार ने अभी तक तय नहीं किया है कि वह हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेगी या फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
West Bengal : हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद बकाया डीए दिए जाने पर संश्य
बकाया डीए के लिए खर्च होंगे 23 हजार करोड़, सरकार को छूट रहा है पसीना
कोलकाता
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) के कर्मचारियों में बकाया महंगाई भत्ता (DA) मिलने को लेकर संश्य बना हुआ है। ममता बनर्जी की सरकार भी इस बारे में सुगबुगा नहीं रही है। सरकार ने अभी तक तय नहीं किया है कि वह हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेगी या फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकारी बिजली संस्था के कर्मियों को डीए नहीं देने पर संस्थान के आला अधिकारियों के वेतन रोके जाने से कर्मचारियों में उम्मीदें बधी है। सरकारी कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि न्यायाधीश राजशेखर मंथा के आदेश का राज्य सचिवालय नवान्न के आला अधिकारियों पर भी पड़ेगा।
बकाया डीए पर होगा 23 हजार करोड़ खर्च
राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 31 प्रतिशत बकाया डीए देने के लिए राज्य सरकार को लगभग 23 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। लेकिन किस कर्मचारि को कितना धनराशी मिलेगी अभी यह हिसाब नहीं हुआ है। फिलहाल वित्त विभाग डीए का मूल्यांकन कर रहा है।
ग्रुप डी कर्मी को मिलेगा ढाई लाख से अधिक
राज्य सरकारी कर्मचारी संगठन कंनफेडेरेशन ऑफ स्टेट गवर्नमेंट्स एप्लाइज के अनुसार राज्य सरकार को केन्द्र के हिसाब से डीए देना होगा। संगठन के हिसाब से 6600 रुपए बेसिक वलेतन वाले ग्रुप डी के एक कर्मचारी को 2 लाख 78 हजार 500 बकाया डीए मिलेगा। 8840 रुपए बेसिक वेतन वाले ग्रुप सी के एक कर्मचारी को तीन लाख 73 हजार रुपए मिलेंगे। इसी तरह अपर एसिस्टेंट और हेड एसिस्टेंट का बकाया डीए की धनराशी बढ़ती जाएगी।
डीए का नाम सुन सरकार के छूट रहे पसीना
वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 31 प्रतिशत बकाया डीए पर खर्च होने वाले भारी भरखम रकम सुनकर सरकार को परेशान है। आर्थिक कड़की से गुजर रही सरकार के लिए डीए के रूप में इतना घनराशी देना मुश्किल लग रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि छठवा वेतन आयोग लागू होने से पहले सरकार को डीए पर प्रति महीने 25 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब यह रकम प्रति माह 68 करोड़ होने का अनुमान है। इसके अलावा 23 हजार करोड़ बकाया डीए भी है।
अनुमानित किसको कितने मिलेंगे (रुपए में)
ग्रुप-डी कर्मचारी 278500