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डायमंड हार्बर लोकसभा सीट : सीएम के भतीजे और पूर्व स्पीकर के बेटे की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

locationकोलकाताPublished: May 18, 2019 04:01:27 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

– 19 मई को लोकसभा चुानव के 7वें व आखिरी चरण के मतदान में डायमंड हार्बर में 17 लाख 12 हजार 612 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 8,83,759 पुरुष, 8,82,792 महिला और 61 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

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डायमंड हार्बर लोकसभा सीट : सीएम के भतीजे और पूर्व स्पीकर के बेटे की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

कोलकाता. डायमंड हार्बर लोकसभा सीट की लड़ाई दिलचस्प हो गई है। इस सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। माकपा ने उन्हें टक्कर देने के लिए पार्टी के कद्दावर नेता व पश्चिम बंगाल विधानसभा के पूर्व स्पीकर हासिम अब्दुल हलीम के बेटे डॉ.फुआद हलीम को खड़ा किया है। वहीं भाजपा ने अपना भरोसा वकील व पार्टी के अनुभवी नेता नीलांजन राय पर जताया है।

डायमंड हार्बर में 17 लाख 12 हजार 612 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 8,83,759 पुरुष, 8,82,792 महिला और 61 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

– रहा है माकपा का दबदबा:-

सन 1952 में हुए पहले आम चुनाव में यहां से माकपा उम्मीदवार कमल बसु ने जीत हासिल की थी। दो सदस्यीय लोकसभा सीट होने की वजह से यहां से कांग्रेस के टिकट पर पूर्णेंदु शेखर नस्कर को सांसद चुना गय। वर्ष 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में कांग्रेस के पूर्णेंदु शेखर नस्कर ने जीत हासिल की, मगर इस बार भी दो सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र होने की वजह से सांसद की कुर्सी बदलकर माकपा के कंसारी हल्दर को दी गई। 1962 के चुनावों में जीत हासिल कर कांग्रेस के सुधांसु भूषण दास सांसद बने। इसके बाद लगातर 1967 से 1980 तक के आम चुनावों में माकपा के ज्योतिर्मय बसु ने जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया। 1982 के उपचुनाव में यहां से माकपा के ही अमल दत्त सांसद बने। वे यहां से 1991 तक लगातार चुनाव जीतते रहे। इसके बाद 1996 से लेकर 2004 तक माकपा के समिक लाहिड़ी ने इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा।
लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की आंधी ने इस सीट को माकपा की झोली से छीन लिया और सोमेंद्रनाथ मित्रा यहां से सांसद बने। २014 के लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी की राजनैतिक पारी की शुरूआत यहीं से हुई। 5 लाख 8 हजार 481 वोट प्राप्त कर वे यहां से पहली बार सांसद बने। जबकि दूसरे स्थान पर माकपा और तीसरे स्थान पर भाजपा के उम्मीदवार रहे। तृणमूल कांग्रेस ने इस बार भी इस सीट के लिए पार्टी के युवराज पर ही भरोसा जताया है।

– डायमंड हार्बर की 7 विधानसभा सीटें:-

इस लोकसभा सीट के अंतर्गत डायमंड हार्बर, फलता, सतगछिया, विष्णुपुर, महेशतला, बजबज और मटियाब्रुज विधानसभा सीटें आती हैं। विष्णुपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

– कभी यहां के बंदरगाह से जुड़ता था यूरोप, आज एक भी बंदरगाह नहीं :-

डायमंड हार्बर का पुराना नाम हाजीपुर था। अंग्रेजों के काल में इसका नाम बदलकर डायमंड हार्बर हुआ। इतिहास के पन्ने को पलट कर देखें तो अंग्रेजी शासन में डायमंड हार्बर कच्चे माल को यूरोप भेजे जाने का केंद्र हुआ करता था। अंग्रेजों ने यहां बंदरगाह का निर्माण कराया था, लेकिन आज यहां कोई बंदरगाह नहीं है। हालांकि कोलकता पोर्ट ट्रस्ट बंदरगाह बनाने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि कभी कारखाने और ईंट भट्टों का गढ होने वाले डायमंड हार्बर लोकसभा केंद्र में आज के समय में श्रमिकों को काम के लिए कोलकाता आना पड़ता है। न्यू इंडिया जूट मिल व स्थानीय स्टील फैक्टरी के बंद हो जाने से 5000 से अधिक परिवार दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हो गए हैं। वहीं इलाके में पेयजल, यातायात के साधन, पक्की सडक़, महिलाओं की सुरक्षा आदि प्रमुख सुधार के मुद्दे हैं।

 

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