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राजस्थानी समाज से मायड़ भाषा में बात करने का आह्वान

locationकोलकाताPublished: Apr 07, 2019 10:57:42 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

किसी भी समुदाय की पहचान है भाषा, बोले वक्ता—– धडक़न धोरां री ने मोहा मन, राजस्थानी प्रचारिणी सभा का आयोजन

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राजस्थानी समाज से मायड़ भाषा में बात करने का आह्वान

कोलकाता. भाषा किसी भी समुदाय-समाज की पहचान है। भाषा के बिना कोई भी साहित्य, संस्कृति का कोई मतलब नहीं। हमेशा अपनी भाषा में ही बात करने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि अगर खुद की भाषा को महत्व नहीं दिया गया, तो हम विलुप्त हो जाएंगे। राजस्थानी प्रचारिणी सभा की ओर से रविवार शाम कला मंदिर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम धडक़न धोरां री के दौरान वक्ताओं ने यह बात कही। प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष रतन शाह ने स्वागत वक्तव्य दिया। राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में राजस्थानी प्रचारिणी सभा की ओर से इसका आयोजन किया गया था। सभा के उपाध्यक्ष प्रह्लाद राय गोयनका, सांस्कृतिक अध्यक्ष सूर्यप्रकाश बागला, सचिव महेश लोधा और सांस्कृतिक सचिव संदीप गर्ग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथियों में नंदलाल रूंगटा, हरिप्रसाद कानोडिय़ा, पवन कुमार कानोडिय़ा, मुरारी लाल दीवान, रवि पोद्दार, ओम जालान, संजय गुप्ता, दीपक अग्रवाल और राजस्थान टूरिज्म विभाग के कोलकाता स्थित एमडी हिंगल राज मौजूद थे। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी समुदाय की पहचान उसकी भाषा ही होती है। राजस्थान दिवस पर प्रचारिणी सभा पिछले कई साल से इस तरह का आयोजन करती आ रही है। शाह ने समारोह में उपस्थित राजस्थानी समाज से मायड़ भाषा में बात करने का आह्वान किया। राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए राजस्थान प्रचारिणी सभा पिछले ४० साल से लगातार संघर्ष कर रही है। उन्होंने राजस्थानी धरोहर, सभ्यता-संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा बिना क्या राजस्थान? रूंगटा ने कहा कि जहां भी राजस्थानी गए, वहीं की माटी में रच-बस गए, पर अपनी संस्कृति और सभ्यता भाषा को हमेशा बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि जबतक अपनी भाषा में संपर्क नहीं होगा तबतक अपनी संस्कृति की जानकारी नहीं मिलेगी। इस मौके पर जयपुर के वीणा म्यूजिक और नृत्य निर्देशिका श्वेता पारीक सहित अन्य कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांध दिया। सारेगामा फेम गायिका सुप्रिया ने ….केसरिया बालम, पधारो म्हारे देश सहित अनेक राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति से अतिथियों का मन मोह लिया। समारोह में राजेन्द्र खंडेलवाल समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।
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