अमित मित्रा के तीसरी बार वित्त मंत्री बनने की चर्चा तेज
कोलकाताPublished: May 07, 2021 05:04:30 pm
नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण करने के बाद आगामी नौ मई को ममता सरकार के मंत्री शपथ लेंगे। इससे पहले संभावित मंत्रियों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। 50 से अधिक निर्वाचित विधायकों के नए होने के साथ मंत्रियों के रूप में नए चेहरों की संभावना है। पिछली बार कुल 44 मंत्री थे, जिनमें से 28 कैबिनेट मंत्री थे और 16 राज्य मंत्री थे। इन दिनों राजनीतिक गलियारों में सबसे अधिक चर्चा राज्य के संभावित वित्तमंत्री को लेकर हो रही है
अमित मित्रा के तीसरी बार वित्त मंत्री बनने की चर्चा तेज
नई मंत्रिपरिषद: मानस भुइंया, मदन मित्रा और फिल्मी सितारे बन सकते हैं मंत्री
कोलकाता. नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण करने के बाद आगामी नौ मई को ममता सरकार के मंत्री शपथ लेंगे। इससे पहले संभावित मंत्रियों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। 50 से अधिक निर्वाचित विधायकों के नए होने के साथ मंत्रियों के रूप में नए चेहरों की संभावना है। पिछली बार कुल 44 मंत्री थे, जिनमें से 28 कैबिनेट मंत्री थे और 16 राज्य मंत्री थे। इन दिनों राजनीतिक गलियारों में सबसे अधिक चर्चा राज्य के संभावित वित्तमंत्री को लेकर हो रही है। प्रारंभ में वित्त विभाग ममता बनर्जी ने खुद के पास रखने का फैसला किया था, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने इस फैसले को बदल दिया और अब इस महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी वित्तमंत्री रह चुके अमित मित्रा को दी जा सकती है। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण इस बार मित्रा ने खड़दह विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ा था। वित्त मंत्री बनने से पहले अमित मित्रा वाणिज्यिक संस्था फिक्की के निदेशक रहे।
अमित मित्रा की जगह इस बार खड़दह विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय नेता काजल सिन्हा को मैदान में उतारा था। मतदान के दूसरे दिन ही कोरोना संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई। चुनाव नतीजा आने पर वे विजयी हो गए। अब उक्त विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव होगा और अमित मित्रा के वित्त मंत्री बनाए जाने पर छह महीने के भीतर उन्हें चुनाव जीतना होगा। अब सवाल उठाया जा रहा है कि क्या मित्रा फिर से अपने पुराने क्षेत्र से चुनाव लड़ेगे या फिर वे किसी दूसरे क्षेत्र से? पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
—
ये बन सकते हैं परिवहन मंत्री
सूत्रों ने बताया कि इस बार मदन मित्रा को राज्य का परिवहन मंत्री बनाए जाने की बात चल रही है। वे अपने पुराने क्षेत्र कमरहट्टी से चुनाव जीते हैं। सारधा घोटाले में जेल जाने से पहले वे परिवहन मंत्री थे। बाद में शुभेन्दु अधिकारी परिवहन मंत्री बने, जो अब भाजपा में शामिल हो गए। राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा देकर सबंग से विधानसभा चुनाव जीतने वाले मानस भुंइया की भी ममता मंत्रिमण्डल में वापसी हो सकती है। वर्ष 2016 के विधानसभा जीतने के बाद वे कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
—
ये विभाग अपने पास रखेंगी
सूत्रों के अनुसार पिछली बार की तरह ममता बनर्जी इस बार भी गृह, स्वास्थ्य और दूसरे विभाग अपने पास रखेंगी। इसके अलावा इस बार जीत कर आए फिल्मी सितारों के भी मंत्रिमण्डल में शामिल होने की खबर है। इस बार ममता बनर्जी को अपने मंत्रिमंडल के कम से कम 8 मंत्रियों को छोड़कर अपनी कैबिनेट बनानी होगी, जिनमें पर्यटन मंत्री गौतम देब और तकनीकी शिक्षा मंत्री पूर्णेंदु बसु शामिल हैं। बसु ने चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया था, लेकिन देब उत्तर बंगाल की डाबग्राम-फुबरी निर्वाचन क्षेत्र से हार गए। इसके अलावा तृणमूल के तीन मंत्रियों ने चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी थी। जिनमें राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी और वन मंत्री राजीव बनर्जी शामिल थे।
—
अखिल गिरी को मिल सकता है इनाम
मंत्रिमंडल में शामिल होने में पश्चिम मिदनापुर के अखिल गिरी और पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर की सबसे अधिक संभावना है। गिरि, शभेंदु अधिकारी और उनके परिवार के एक कट्टर विरोधी रहे हैं, पश्चिम मिदनापुर में तृणमूल कांग्रेस की खोई हुई जगह को पुनर्जीवित करने में सहायक रहे हैं, जहां पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। पूर्वी मिदनापुर के रामनगर के इस विधायक को जिले में अपने प्रदर्शन के लिए इनाम मिल सकता है।
—
इनको भी मौका संभव
संथाली अभिनेत्री बीरबा हांसदा हैं, जो झाडग़्राम से जीतीं और प्रदीप मजूमदार, जिन्होंने पश्चिम बर्दवान जिले में दुगार्पुर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की, इसके अलावा हुगली के पांडुआ निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले रत्ना डे नाग और शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले क्रिकेटर से राजनेता बने मनोज तिवारी भी मंत्रालय संभाल सकते हैं।